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उत्तर बिहार में बाढ़ हुई विकराल

नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र के साथ-साथ उत्तर बिहार में भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति विकराल हो गई है। उत्तर बिहार की सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। नदी की पेटी में बसे लोगों...

उत्तर बिहार में बाढ़ हुई विकराल
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSun, 12 Jul 2020 03:15 AM
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नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र के साथ-साथ उत्तर बिहार में भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति विकराल हो गई है। उत्तर बिहार की सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है। नदी की पेटी में बसे लोगों ने गांव छोड़ दिया है। वे बांध व एनएच पर शरण लेने लगे हैं। नदियों के तटबंध पर भी दबाव काफी बढ़ गया है, जिससे आसपास के गांव में लोगों में बेचैनी बढ़ गई है। भारी बारिश से तटबंधों में रेन कट से भी खतरा बढ़ा है।

मुजफ्फरपुर के दो सौ घरों में घुसा पानी, बांध पर शरण

मुजफ्फरपुर में बागमती का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। भारी बारिश के कारण जगह जगह बांध पर कटाव हो रहा है। इससे बांध के आसपास बसे गांवों में हड़कंप है। वहीं औराई व कटरा के में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। नदी की पेटी में बसे बाड़ा बुजुर्ग, बाड़ा खुर्द, महुआरा, मधुबन प्रताप, चैनपुर, राघोपुर, तरबन्ना, बभनगामा पश्चिमी, चहुंटा कश्मीरी टोला सहित करीब 10 गांवों के दो सौ घरों में पानी घुस गया है जिनके घरों में पानी घुसा है, वे गांव से बाहर आकर बांध पर शरण लेने लगे हैं। जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है, उससे अगले 12 घंटे में दो हजार घरों के प्रभावित होने की आशंका है, इससे करीब 30 हजार आबादी विस्थापित हो जाएगी।

मोतिहारी-शिवहर मार्ग पर चार फीट तक पानी, चल रहा नाव :

मोतिहारी जिले में बूढ़ी गंडक का जलस्तर बढ़ गया है। इसके कारण लालबकेया का जलस्तर खतरे के निशान 71.12 मीटर से एक मीटर ऊपर पहुंच गया है। शनिवार को गंडक बराज से 2.51 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। वहीं पताही में लालबकेया व बागमती दोनों का पानी फैलने लगा है। पताही से शिवहर जाने वाली मुख्य सड़क पर बाढ़ का पानी तीन किलोमीटर में तीन से चार फीट ऊंचाई तक बह रहा है। यहां आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है और ग्रामीण सड़क पर भी नाव चलने लगी है। बराज से अधिक पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर में और तेजी ही आ रही है और अगले 24 घंटे में बाढ़ का पानी नए इलाकों में फैलने की आंशका है।

पश्चिम चंपारण के कई गांवों में बाढ़, एसएसबी कैंप भी घिरा :

पश्चिम चंपारण के वाल्मीकिनगर में गंडक का पानी फैलने लगा है। वाल्मीकिनगर के झंडाहवा टोला एसएसबी सीमा चौकी में भी शनिवार को बाढ़ का पानी घुस गया। चौकी के आसपास चार से पांच फीट पानी लगा हुआ है। जवान नाव के सहारे ही चौकी तक आवाजाही कर रहे हैं। वहीं चकदहवा, काननी टोला, बीन टोली में भी बाढ़ का पानी घुस गया है जबकि पिपरासी, के कांटी टोला, बलुआठोड़ी, मदरहवा, टांडी टोली, कठहरवा व पिपरासी में भी गंडक का पानी घुस गया है। इन इलाकों में सैकड़ों एकड़ फसल भी डूब चुकी है। वहीं भुईधरवा पंचायत के आधा दर्जन गांव में भी बाढ़ का पानी घुस गया है जिस हिसाब से गंडक नदी के पानी का फैलाव हो रहा है, अगले दो दिनों में और भी कई पंचायत बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे।

शिवहर में में बेलवा के पास कटाव, कई गांव घिरे

शिवहर जिले में बागमती नदी खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर बह रही है। बेलवा के पास मुख्य सड़क पर चार फीट तक पानी चढ़ने से मोतिहारी से शिवहर का संपर्क टूट गया है। बाढ़ का पानी शिवहर जिले के नीचले इलाकों में तेजी से फैलने लगा है। पिपराही प्रखंड के बेलवा, नरकटिया, गांव बाढ़ के पानी से बुरी तरह घिर गए हैं। स्थिति का मुआयना करने शनिवार को बागमती परियोजना के कार्यपालक अभियंता, अंचलाधिकारी, व पुलिस इंस्पेक्टर भी आये। अधिकारियों ने स्थिति को देखते हुए बेलवा में कटावरोधी कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। लोग शरण के लिए ऊंचे स्थलों की खोज में जुट गए हैं।

दरभंगा के घनश्यामपुर के दस गांव बने टापू

दरभंगा में कमला बलान अपना रंग दिखाने लगी है। घनश्यामपुर प्रखंड के कमला बलान का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। प्रखंड में दोनों तटबंधों के बीच बसे दो पंचायत के 10 गांव टापू में तब्दील हो गए हैं। गांव में पानी तो पहले ही घुस गया था, अब जलस्तर बढ़ने से परेशानी भी बढ़ने लगी है। गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से कट गया है। इन 10 गांव की आठ हजार आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है। वहीं घनश्यामपुर बाऊर सड़क पर बाढ़ का पानी पांच फूट चढ़ गया है, इलाके के सात स्कूल भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सीओ दीनानाथ कुमार ने कहा कि बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए चार राहत शिविर की व्यवस्था की गई है। लोगों के आवागमन के लिए 10 नावें चलायी जा रही हैं।

मधुबनी के झंझारपुर में लोगों ने एनएच पर ली शरण

मधुबनी जिले के झंझारपुर में भी कमला नदी पूरे ऊफान पर है। दोनों तटबंध के बीच पानी लबालब भर गया है जिससे तटबंध के बीच बसे लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। विस्थापित लोग एनएच 57 पर तंबू गाड़कर शरण लेने लगे हैं। ज्यादातर लोग नव टोलिया उत्तरवारी टोला, हरना व भदुआर गांव के हैं। लोगों का कहना है कि कमला का पानी जिस तरह बढ़ रहा है, जल्दी ही यह तटबंध के बाहर भी आ सकता है और तटबंध के आसपास बसे गांवों में तबाही मचा सकता है। हालांकि सीओ कन्हैया लाल ने बताया कि लोग सुरक्षा के दृष्टिकोण से बांध व सड़क पर आये हैं। फिलहाल उनके घरों में पानी नहीं घुसा है। उन्होंने बताया कि एनएच से गांव में जाने के लिए नावों की व्यवस्था कर ली गई है और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।

सीतामढ़ी में बागमती कर रही कटाव, कई जगह लाल निशान से ऊपर :

सीतामढ़ी में भी बागमती का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। यहां बेलसंड के कंसार में बागमती तेजी से कटाव करने लगी है। इस कटाव से आसपास के गांव में दहशत है। बागमती का पानी बेलसंड के दरियापुर गांव में व लखनदेई का पानी सोनवर्षा प्रखंड के भासर गांव में घुस रहा है। बागमती परियोजना के अधिकारी ग्रामीणों के साहयोग से कटावरोधी कार्य में जुटे हैं। अधवारा समूह की नदियां भी लालबकेया व गोआबाड़ी में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गयी है, जिससे लोगों में दहशत है। जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों को अलर्ट रहने को कहा है। बागमती का जलस्तर ढेंग, डुब्बाघाट, कटौंझा, सोनखान व चंदौली में भी खतरे के निशान से ऊपर है।

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