उम्मीदें 2025: खत्म होगा इंतजार, इस साल मिलेगा वोटिंग क्लब और बाईपास का उपहार
नये साल में शहर के दो बड़े बहुप्रतीक्षित प्रोजेक्ट पूरे हो रहे हैं। एक तो शहरवासियों को पिकनिक स्पॉट के रूप में सजा-संवरा सिकंदरपुर मन मिलेगा, जिसमें

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान टीम। करीब 15 सााल के लम्बे इंतजार के बाद हाजीपुर-मुजफ्फरपुर बाईपास निर्माण अपने अंतिम चरण में है। फरवरी तक छोटे-बड़े वाहन इस पर फर्राटा भरने लगेंगे, जिससे शहरवासियों को मधौल से चांदनी चौक तक जाम से मुक्ति मिलने की उम्मीद है।
राजधानी पटना को उत्तर बिहार से जोड़ने वाली एनएच 77 में यह बाईपास 2009 में ही स्वीकृत हुआ। तब से कई तरह की बाधाएं और कानूनी दांव-पेच फंसे और एक समय तो यह प्रोजेक्ट बंद होने की कगार पर पहुंच गया। लेकिन, इंतजार की घड़ियां अब खत्म होने वाली है। निर्माण और भू-अर्जन का काम लगभग पूरा हो चुका है। फरवरी तक इस बाईपास को चालू कर दिया जाएगा। इस बाईपास के चालू होने से उत्तर बिहार से पटना जाने वाले वाहन सदातपुर से ही मुड़ जायेंगे और सीधे मधौल में मुजफ्फरपुर-हाजीपुर फोरलेन से मिलेगा। इससे पटना की राह आसान होगी और लोगों को चांदनी चौक से रामदयालु तक लगने वाले जाम से जूझना नहीं पड़ेगा। एनएचएआई की रिपोर्ट के मुताबिक 15 साल की देरी के कारण यह प्रोजेक्ट करीब सात सौ करोड़ रुपये महंगा हो गया है, लेकिन राहत की बात है कि प्रोजेक्ट 98 फीसदी पूरा हो चुका है। बाकी के दो फीसदी काम अगले महीने पूरा होने की संभावना है।
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