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निलंबन से लेकर लाइन हाजिर तक की फाइलों में गड़बड़ियां

निलंबित एसएसपी विवेक कुमार के सिकंदरपुर स्थित सरकारी आवास पर लगतार चौथे दिन गुरुवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) की छापेमारी जारी रही। इस दौरान टीम ने एक दर्जन से अधिक पुलिस शाखाओं की सौ से अधिक...

निलंबन से लेकर लाइन हाजिर तक की फाइलों में गड़बड़ियां
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरFri, 20 Apr 2018 02:15 AM
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निलंबित एसएसपी विवेक कुमार के सिकंदरपुर स्थित सरकारी आवास पर लगतार चौथे दिन गुरुवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) की छापेमारी जारी रही। इस दौरान टीम ने एक दर्जन से अधिक पुलिस शाखाओं की सौ से अधिक फाइलें खंगाली। कई फाइलों में अनियमितता मिली है। इनमें निष्कासन, निलंबन, लाइन हाजिर, वेतन पर रोक के अलावा कई बड़े मामले शामिल हैं। इन मामलों की विभागीय पड़ताल चल रही है अथवा पूरी हो चुकी है। वहीं, निलंबित एसएसपी के उत्तरप्रदेश स्थित सहारनपुर व मुजफ्फरपुरनगर के ठिकानों पर भी एसवीयू की जांच जारी है।

गुरुवार को पूरे दिन निगरानी के अधिकारी निलंबित एसएसपी के सरकारी आवास में मौजूद रहे। टीम मैराथन छानबीन कर रही है। निलंबित एसएसपी विवेक कुमार, उनकी पत्नी निधि विवेक व आवासीय कार्यालय के कर्मियों से पूछताछ जारी है। जानकारी के मुताबिक एसएसपी आवास में जारी जांच तकरीबन पूरी हो चुकी है। टीम को मुख्यालय से हरी झंडी मिलने की देरी है। हरी झंडी मिलने के बाद निगरानी की टीम आगे की कार्रवाई करेगी।

संभावना जताई जा रही है कि सभी जगहों पर छापेमारी पूरी होने के बाद ही टीम पटना के लिए रवाना होगी। मुजफ्फरपुर स्थित सरकारी आवास में दो आईपीएस अधिकारियों के नेतृत्व में छापेमारी व छानबीन की जा रही है। इसमें महिला अधिकारी के सहित 50 से अधिक सदस्य शामिल हैं।

छोटी-छोटी गलतियों पर करते थे सस्पेंड :

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक निलंबित एसएसपी विवेक कुमार के दो साल के कार्यकाल में एक दर्जन से अधिक पुलिस अधिकारी व पुलिसकर्मी निलंबित हुए हैं। इनमें से अधिकांश पुलिसकर्मियों को एसएसपी ने छोटी-छोटी गलतियों की वजह से सस्पेंड किया। साथ ही विभागीय कार्रवाई करने का भी आदेश दिया। हाल के दिनों में ब्रह्मपुरा थानेदार धर्मेंद्र कुमार व अहियापुर के एक जमादार को एसएसपी ने मामूली गलतियों की वजह से निलंबित कर लाइन हाजिर किया था।

अभ्यास में भाग नहीं लेने पर बंद किया था वेतन :

दो माह पूर्व जिले के सौ से अधिक दारोगा, जमादार व सिपाही के वेतन भुगतान पर भी रोक लगा दी थी। पुलिसकर्मियों की गलती यह थी कि उनलोगों ने एसएसपी के आदेश के बावजूद सीआरपीएफ बट पर फायरिंग अभ्यास में भाग नहीं लिया। हालांकि उस वक्त उन दारोगा, जमादार व सिपाही की प्रतिनियुक्ति दूसरी जगह थी।

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