कर्ज के जाल में फंसकर किसान खेती छोड़ने को बाध्य, दिया धरना
कर्ज के जाल में फंसकर किसान खेती छोड़ने को बाध्य, दिया धरना
किसान भीषण संकट से जूझ रहे हैं। सरकार की उपेक्षा व कर्ज के जाल में फंसकर किसान खेती छोड़ने पर बाध्य है। ये बातें जिला किसान सभा की ओर से रविवार को मिठनपुरा स्थित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यालय चंद्रशेखर भवन में अगस्त क्रांति पर आयोजित धरना में किसान नेताओं ने कही। देश के 253 किसान संगठनों के साझा मंच अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर आयोजित किसान मुक्ति दिवस पर किसान नेताओं ने कहा कि आज पूरी मानवता वैश्विक महामारी कोरोना से कराह रही है। अधिकांश छोटे-बड़े उद्योग बंद हैं। वह किसान ही है जो इस महाविपदा के समय अपनी जान की परवाह किए बिना खेतों में हाड़तोड़ मेहनत कर देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में लगे हुए हैं। कार्यक्रम के दौरान बाढ़ की भीषण तबाही झेल रहे मुजफ्फरपुर जिला को बाढ़ग्रस्त घोषित करने, किसानों के तमाम कर्ज को माफ करने, बाढ़-सूखा का स्थायी निदान करने, कोरोना के जांच के दायरे को बढ़ाने व इलाज की प्रर्याप्त व्यवस्था करने की मांग की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता संगठन के जिलाध्यक्ष अरुण ठाकुर ने की। धरना में जिला सचिव चन्देश्वर प्रसाद चौधरी, राम किशोर झा, महेश चौधरी, मो. युनूश, बी. के. सिंह, संतोष कुमार पाण्डेय, अवधेश पासवान, रामनरेश ठाकुर, उदय ठाकुर, जगलाल साह, गणेश प्रसाद, यमुना साह आदि ने अपनी बातें रखीं।