लीची के विपणन के मॉडल को अंगूर की तरह विकसित करें किसान
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी में लीची उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर बुधवार से पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। आत्मा दरभंगा की ओर से...
मुजफ्फरपुर। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुशहरी में लीची उत्पादन एवं प्रसंस्करण पर बुधवार से पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। आत्मा दरभंगा की ओर से संपोषित यह प्रशिक्षण कैंप 26 सितंबर तक चलेगा। इसका उदघाटन करते हुए केंद्र के निदेशक डॉ. शेषधर पांडेय ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि बिहार की लीची की विरासत को बचाएं। लीची के साथ मखाना पैदा करें। विपणन के मॉडल अंगूर की तरह विकसित करें। कहा कि प्रशिक्षण के बाद आपके आसपास के किसान भी आपकी तकनीक का अनुसरण करेंगे। वरीय वैज्ञानिक डॉ़ संजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण में 20 किसान भाग ले रहे हैं। इसमें दरभंगा सदर, हनुमाननगर, सिंहवाड़ा, बहादुरपुर, हायाघाट के किसान शामिल हैं। वे लीची उत्पादन की नयी तकनीक सीख कर अपकी आमदनी बढ़ा सकते हैं। मौके पर वैज्ञानिक डॉ़ सुनील कुमार, हायाघाट के सहायक तकनीकी प्रबंधक सुरेन्द्र कुमार, तकनीशियन डॉ़ जयप्रकाश वर्मा, उपज्ञा साह थे।