तापमान अधिक रहने से आलू में तना छेदक कीट का बढ़ा प्रकोप
मुजफ्फरपुर में तापमान बढ़ने से आलू के तना छेदक कीट का प्रकोप बढ़ गया है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को अलर्ट किया है कि जनवरी में तापमान गिरने से आलू की फसल में झुलसा रोग बढ़ने की संभावना है। उचित...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। तापमान अधिक रहने से आलू में तना छेदक कीट का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसको लेकर वैज्ञानिकों ने किसानों को अलर्ट किया है। मौसम विभाग के मुताबिक जनवरी में तापमान गिरने की संभावना है, इससे आलू की फसल में झुलसा रोग बढ़ने की आशंका रहेगी। समय रहते प्रबंधन नहीं करने पर फसल प्रभावित होगी और उत्पादन पर असर पड़ेगा। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार आलू की फसल के लिए जनवरी माह का प्रबंधन अहम होता है।
कृषि विज्ञान केन्द्र मुशहरी के वरीय वैज्ञानिक डॉ. मोतीलाल मीणा ने बताया कि तापमान अधिक होने से आलू के पौधे का भरपूर विकास तो हुआ पर तना छेदक कीट का प्रकोप बढ़ने लगा है। हरे रंग का यह कीट पत्ते में आसानी से छिपकर पत्ते और तना को क्षति पहुंचाता है। इससे बचाव के लिए फंगीसाइड का छिड़काव जरूरी है। उन्होंने बताया आलू के लिए मौसम में उतार चढ़ाव सही नहीं है। अभी तापमान अधिक रहने और जनवरी में तापमान गिरने से आलू की फसल मे फंगस का प्रकोप बढ़ेगा। इससे पौधे झुलसने लगेंगे। फंगीसाइड के छिड़काव से पौधे पर झुलसा का असर नहीं होता है। बीते वर्ष भी इसी रोग के कारण उत्पादन 30 से 40 फीसदी तक कम हुआ था।
मुशहरी के किसान रविशंकर दास ने बताया कि अभी पौधे बेहतर स्थिति में है। कहीं-कहीं तना छेदक कीट लगा है। बीते वर्ष जनवरी में छिड़काव नहीं होने से 30 फीसदी आलू का उत्पादन कम हुआ था। इस बार दिसंबर में ही छिड़काव कर रहा हूं।
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