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रिश्तेदारों के पास भेज रहे परिवार व माल-मवेशी

बेदौलिया, रजवाड़ा, मुशहरी, मणिका विशुनपुर चांद समेत दो दर्जन से अधिक पंचायत के लोगों की परेशानी पानी बढ़ने के साथ बढ़ती ही जा रही है। इसके बावजूद लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। परिवार व...

रिश्तेदारों के पास भेज रहे परिवार व माल-मवेशी
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरTue, 22 Aug 2017 08:54 PM
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बेदौलिया, रजवाड़ा, मुशहरी, मणिका विशुनपुर चांद समेत दो दर्जन से अधिक पंचायत के लोगों की परेशानी पानी बढ़ने के साथ बढ़ती ही जा रही है। इसके बावजूद लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं हैं। परिवार व माल-मवेशियों को लोग रिश्तेदारों के यहां भेज रहे हैं, ताकि पानी बढ़ने की स्थिति में इन पर संकट न आए। मंगलवार को दो दर्जन से अधिक पंचायतों के लोग इस काम में जुटे थे। नाव के सहारे लोग किसी तरह पूसा-समस्तीपुर रोड पर आ रहे थे। वहां से गाड़ी से उन्हें रवाना कर रहे थे। बेदौलिया के प्रभु सहनी पत्नी व दो बच्चों के साथ आधा दर्जन बकरी लेकर नाव से रोड पर पहुंचे। काफी देर तक इंतजार के बाद उन्हें गाड़ी नहीं मिली। थककर वह फिर से नाव से परिवार को बेदौलिया ले गए। उनका कहना था वे अब बुधवार को फिर से प्रयास करेंगे। वहीं, धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सबसे बड़ी परेशानी बच्चों और मवेशियों को लेकर है। वे लोग किसी तरह से पानी घिरने पर भी रह रहे हैं। कुछ भी खाकर जीवन बिता रहे हैं, लेकिन मवेशी और बच्चे जो खाएंगे, वही उन्हें देना पड़ता है। इसलिए इन्हें रिश्तेदारों के यहां पहुंचा रहे हैं। बेदौलिया के प्रह्लाद सहनी ने बताया कि पानी में डूबने के कारण चारा उपलब्ध नहीं है। इस समय बकरी-खस्सी बेचने पर औने-पौने दाम लोग दे रहे हैं। पानी उतरने के बाद वहीं दोगुने दाम में बेचेंगे। बस कुछ दिनों की बात है, दुख-सुख में ही सगे-संबंधी काम आते हैं। कई संबंधियों ने फोन कर बच्चों और मवेशियों को भेज देने के लिए कहा है। खुद तो जा नहीं सकते, क्योंकि घर की रखवाली भी करनी है। वहीं, रजवाड़ा के सुरेन सहनी ने बताया कि हर दिन मवेशियों को चराने के लिए नाव से सूखे जगह की ओर जाना पड़ता है। इससे तो अच्छा है कि संबंधियों के यहां ही उसे भेज दूं। कुछ बोझ तो हल्का होगा, इससे घर की रखवाली के लिए भी समय मिल सकेगा।

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