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आश्रय गृहों के बच्चों की सुनवाई करेगी कार्यकारी कमेटी

जिले के आश्रय गृहों के बच्चे अब अपने घर जा सकेंगे। नई बाल कल्याण समिति गठित होने तक अब बच्चों के मामलों की सुनवाई कार्यकारी कमेटी करेगी। समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने तत्कालीन व्यवस्था के...

आश्रय गृहों के बच्चों की सुनवाई करेगी कार्यकारी कमेटी
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSun, 03 Feb 2019 03:47 PM
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जिले के आश्रय गृहों के बच्चे अब अपने घर जा सकेंगे। नई बाल कल्याण समिति गठित होने तक अब बच्चों के मामलों की सुनवाई कार्यकारी कमेटी करेगी। समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार ने तत्कालीन व्यवस्था के तहत तीन सदस्यीय कार्यकारी कमेटी का गठन किया है। जिलाधिकारी की मंजूरी के बाद कमेटी कार्य करना शुरू कर देगी। नई बाल कल्याण समिति गठित होने के बाद स्वत: कार्यकारी कमेटी समाप्त हो जाएगी।

तीन सदस्यीय कार्यकारी कमेटी में अध्यक्ष आईसीडीएस की जिला प्रोग्राम अधिकारी और सदस्य जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग के सहायक निदेशक व सीडीपीओ को बनाया गया है। दरअसल, छह माह से मुजफ्फरपुर के आश्रय गृहों के बच्चों के मामलों की सुनवाई वैशाली की बाल कल्याण समिति कर रही थी। वैशाली की समिति प्रभार में थी। सिकंदरपुर में बैठक कर बालगृह व दत्तक ग्रहण संस्थान में आने वाले बच्चों व भूली-भटकी बच्चियों की सुनवाई करती थी। इसका कार्यकाल बीते 26 जनवरी को खत्म हो जाने के बाद बच्चों की मामले की सुनवाई रुक गई थी।

इसके बाद जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा ने संबंधित विभाग को पत्र लिखा था। बच्चों की परेशानी को देखते हुए विभाग के निदेशक ने 29 जनवरी को चयन समिति की आपात बैठक बुलाई। इसमें वैकल्पिक व अस्थायी व्यवस्था के तहत कार्यकारी कमेटी का गठन किया गया। इस संबंध में जिला बाल सरंक्षण अधिकारी चंद्रदीप कुमार ने बताया कि डीएम को कमेटी के संबंध में अवगत कराया गया है।

सीडब्ल्यूसी ने चयन पर जतायी आपत्ति

बच्चों के मामलों की सुनवाई के लिए कार्यकारी कमेटी गठन होने पर सीडब्ल्यूसी ने आपत्ति जतायी है। उनका कहना है कि बच्चों से जुड़े संवेदनशील मामले में कमेटी का चयन नियम संगत नहीं किया है। पटना उच्च न्यायालय की आदेश की अवहेलना की जा रही है। ऐसे में इस मामले को लेकर जल्द ही वे हाईकोर्ट में जाएंगे। समिति के सदस्य अनिल कुमार ने बताया कि कमेटी में वैसे व्यक्ति, जिसने बच्चों के बीच काम किया हो और सात साल का अनुभव हो आदि को शामिल करना है। इस समिति में ऐसा कुछ नहीं है।

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