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गलती डाकघर की, भुगत रहे 10 हजार निवेशक

जिले में इनदिनों डाक घर की विभिन्न बचत योजनाओं की परिपक्वत राशि को खाते में जमा कराने के लिए लाभुक परेशान हो रहे हैं। डाक विभाग व बैंक की प्रक्रियाओं के चक्कर में दस हजार से अधिक लाभुक भटक रहे हैं।...

गलती डाकघर की, भुगत रहे 10 हजार निवेशक
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरWed, 31 Oct 2018 03:43 PM
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जिले में इनदिनों डाक घर की विभिन्न बचत योजनाओं की परिपक्वत राशि को खाते में जमा कराने के लिए लाभुक परेशान हो रहे हैं। डाक विभाग व बैंक की प्रक्रियाओं के चक्कर में दस हजार से अधिक लाभुक भटक रहे हैं। काफी संख्या में जिले में राष्ट्रीय बचत पत्र, किसान विकास पत्र, मासिक आय योजना, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना आदि में निवेश करने वालों की राशि परिपक्व तो हो गयी है, लेकिन खाते में जमा नहीं हो रही है।

डाक विभाग एक साथ इस तरह की बचत योजनाओं के लाभुकों की सूची बैंक को खाते में एनईएफटी करने को भेज रहा है। बैंक यह कह कर सूची लौटा दे रहे कि किसी का खाता नम्बर गलत है तो कई का नाम मैच नहीं कर रहा है। इस कारण यह समस्या बड़ी बन गई है। प्रधान डाकघर के अलावा कई सब पोस्ट ऑफिस में निवेशकों के साथ यह परेशानी है।

हालांकि प्रधान डाकघर के सीनियर पोस्टमास्टर भागीरथ प्रसाद ने बताया कि यह समस्या थी। एसबीआई रेडक्रॉस मुख्य शाखा से कई सूची लौटकर आयी है। इसमें कुछ सूची को शाखा में जाकर मैनेजर से मिलकर ठीक कराया गया है। जो इस तरह के परेशान निवेशक हैं उनको चेक देने का काम शुरू कर दिया गया है। इधर, इस समस्या को लेकर अभिकर्ता संघ ने आंदोलन की चेतावनी दी है। हालांकि प्रवर डाक अधीक्षक ने इस समस्या के निबटारे के लिए पहल शुरू कर दी है। 57 सब पोस्ट ऑफिस में समस्या अधिक : बिहार राज्य राष्ट्रीय बचत अभिकर्ता संघ के मुजफ्फरपुर के अध्यक्ष शिशु रंजन कुमार ने बताया कि प्रधान डाकघर में समस्या हल करने की कोशिश हुई है। लेकिन 57 सब पोस्ट ऑफिस में इस तरह की समस्या अधिक है। दस हजार से अधिक निवेशक परेशान हैं। प्रवर डाक अधीक्षक को इस समस्या से अवगत कराया जा चुका है।

अभी मैं नया आया हूं। इस समस्या का निदान किया जाएगा। जो उचित माध्यम होगा उसके जरिए निवेशकों को खाते में राशि जमा होगी। इंडियन पेमेंट्स बैंक में जीरो बैलेंस पर खाता खोलकर एनईएफटी कर दिया जाएगा।

एमपी रजक, प्रवर डाक अधीक्षक

डाक विभाग एक साथ बड़ी संख्या में इस तरह की बचत योजनाओं की लभार्थियों की सूची सौंपता है। औसतन एक सूची में डेढ़ से दो सौ लाभुकों नाम व खाता संख्या होती है। किसी का खाता नम्बर गलत रहता है तो किसी का नाम मैच नहीं करता। एक-एक कर चेक या अन्य विधि से खाते में राशि जमा कराने के लिए कहा गया है।

राघवेन्द्र कुमार, मुख्य प्रबंधक, एसबीआई मुख्य शाखा रेडक्रॉस

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