इनके मतभेद से दो दिन हो रहा जीवित्पुत्रिका व्रत
संतान की सलामति व दीर्घायु को इस बार शनिवार व रविवार को महिलाएं जीवित्पुत्रिका व्रत रख रही है। पंडितो में मतभेद होने के कारण कई जगहों पर शुक्रवार को व्रतियों ने जिउतिया को लेकर नहाय- खाय किया। वही...
संतान की सलामति व दीर्घायु को इस बार शनिवार व रविवार को महिलाएं जीवित्पुत्रिका व्रत रख रही है। पंडितो में मतभेद होने के कारण कई जगहों पर शुक्रवार को व्रतियों ने जिउतिया को लेकर नहाय- खाय किया। वही अधिकांश व्रति शनिवार को नहाय-खाय करेंगे। व्रतियों ने नहाय-खाय के रस्म निभाते हुए भीगे कपड़े में झिगुनी के पत्ते पर खड़ी तेल व बेलपत्र रख पीतराईनो को चढाया। इसके बाद नोनी का साग, मडुआ रोटी, झिगुनी की सब्जी, मछली आदि पकवान बनाकर ग्रहण किया। व्रत के भोर में व्रति ओठगन की रस्म करेंगी और दही- चूड़ा सरगी के तौर पर खाएंगी। इसी के साथ उनका निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा। उधर बाजारों में नोनी की साग, मडूआ का आटा व झिगुनी लेने को लोगों की भीड़ लगी रही। झिगुनी 60-80 तो मड़ुआ का आटा 60 रु किलो व नोनी का साग 40 रुपये तक बिका।