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आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों में पोषाहार का वितरण ठप

सुप्रीम कोर्ट ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को प्रतिदिन पोषाहार देने का आदेश दिया है। लेकिन जिले में इसका सही से पालन नहीं किया जा रहा है। चिलचिलाती गर्मी में भी बच्चों के पोषाहार व पानी पर भी आफत...

आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों में पोषाहार का वितरण ठप
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरWed, 22 May 2019 03:57 PM
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सुप्रीम कोर्ट ने आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को प्रतिदिन पोषाहार देने का आदेश दिया है। लेकिन जिले में इसका सही से पालन नहीं किया जा रहा है। चिलचिलाती गर्मी में भी बच्चों के पोषाहार व पानी पर भी आफत है। सुबह सात बजे से केन्द्र पर पहुंचे बच्चों को पोषाहार के अभाव में 11 बजे तक भूखे रहना पड़ रहा है। जिले के 3905 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दो महीना से पोषाहार बंद है। विभागीय आदेश के बावजूद केन्द्रों का संचालन समय पर नहीं किया जा रहा है। मंगलवार को ‘हिन्दुस्तान पड़ताल में कई केन्द्रों पर पोषाहार बंद मिला। कई जगह कम बच्चे मिले तो कई केन्द्र बंद मिले। अंधेरे कमरे में बच्चों को पढ़ाया जा रहा था तो कही कम जगह में पसीने से तरबतर बच्चे बेहाल दिख रहे थे। कई केन्द्रों पर स्थानीय लोगों ने बताया कि पर्यवेक्षिका कभी केन्द्र देखने नहीं आतीं।

सुबह 8:00 बजे

सिकंदरपुर स्टेडियम स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या आठ बंद था। आसपास के लोगों ने बताया कि यह केन्द्र सुबह नौ बजे के बाद ही खुलता हैऔर जल्द ही बंद हो जाता है। केवल खानापूर्ति कर काम चलाया जाता है। बच्चों के भविष्य से किसी को मतलब नहीं है।

सुबह 8 :15 बजे

सिकंदरपुर मुरब्बा फैक्ट्री के आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या 240 में सेविका-सहायिका व बच्चे नहीं थे। मकान मालिक नंदलाल महतो ने बताया कि सेविका के घर में शादी थी। अभी केन्द्र पर सेविका नहीं पहुंची हैं। जब आएंगी तब केन्द्र खोलेगी।

सुबह 8 :30 बजे

गोला बांध रोड में केन्द्र संख्या 205 सेविका के घर के छोटे से बरामदे पर चलता है। वहां नल व स्विच बोर्ड लगा था। बच्चे व सहायिका नहीं थे। सेविका नीतू कुमारी ने बताया कि बच्चे अभी तक नहीं आये हैं। एक आदमी ने बताया कि सुबह 9:30 बजे केन्द्र खुलता है। सुबह 8 :45 बजे

इमामगंज धोबी टोला स्थित केन्द्र संख्या 212 छोटे से बरामदे में चल रहा था। एक-दूसरे से सटकर बैठे 10 बच्चे गर्मी से बेहाल थे। कई बच्चे पानी मांग रहे थे। सेविका प्रेम दुलारी देवी ने बताया कि पोषाहार नहीं रहने व रमजान के कारण बच्चों की संख्या कम है।

सुबह 8: 50 बजे

नई बाजार नारायण साह कॉलोनी स्थित केन्द्र संख्या 215 किराये के मकान में चलता है। इसमें सेविका-सहायिका व बच्चे नदारद थे। मकान के एक आदमी ने बताया कि सेविका-सहायिका के नहीं आने से केन्द्र अभी तक बंद है। कब तक आएंगी, यह पता नहीं है।

सुबह 9:15 बजे

रामबाग रोड स्थित केन्द्र 126 पर ताला लटका था। सेविका- सहायिका व बच्चे नहीं थे। आसपास के लोगों ने बताया कि यह केन्द्र हमेशा बंद रहता है। सेविका की मनमर्जी से केन्द्र खुलता व बंद होता है। कभी-कभार पर्यवेक्षिका केन्द्र का निरीक्षण करने आती हैं।

सुबह 9:35 बजे

कन्हौली, माई स्थान स्थित केन्द्र संख्या 122 में 15 बच्चे बोरे पर सटकर बैठे थे। पंखा नहीं रहने से बच्चे पसीने से तरबतर थे। खाना के लिए पूछने पर सेविका बच्चों को बिस्कुट देने की बात कही। सेविका सरिता देवी ने बताया कि पोषाहार नहीं रहने से बच्चे केन्द्र पर नहीं आना चाहते हैं।

सुबह 10:00 बजे

छोटी कल्याणी, बीबीजान लेन स्थित केन्द्र 187 में छह बच्चे अंधेरे कमरे में बैठे थे। बच्चों के बुलाने पर सहायिका बाहर से आती हैं और उन्हें पढ़ने के लिए कहती हैं। पूछने पर सहायिका लालपरी देवी कहती हैं कि सेविका अनुजा कुमारी काम से बाहर गई है। बल्ब फ्यूज होने से अंधेरा है।

सेविका-सहायिका को हर हाल में सुबह सात बजे केन्द्र खोल देना है। जो केन्द्र नहीं खुल रहे उन पर कार्रवाई की जाएगी। पोषाहार के लिए विभाग से आवंटन आ चुका है। सीएफएमएस (कॉम्प्रेहेंसिव फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) में तकनीकी समस्या है। इसे दूर कर केन्द्रों को पोषाहार राशि भेज दी जाएगी।

-मंजू कुमारी, सीडीपीओ, मुशहरी सदर

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