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एसकेएमसीएच में तीन साल बाद डायलिसिस मशीन शुरू

एसकेएमसीएच में तीन साल से बंद डायलिसिस मशीन गुरुवार से चालू हो गई। अस्पताल में भर्ती किडनी की बीमारी से पीड़ित एक मरीज का खून प्रत्यारोपण कर मशीन का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही अब किडनी के मरीजों...

एसकेएमसीएच में तीन साल बाद डायलिसिस मशीन शुरू
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरThu, 28 Jun 2018 11:04 PM
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एसकेएमसीएच में तीन साल से बंद डायलिसिस मशीन गुरुवार से चालू हो गई। अस्पताल में भर्ती किडनी की बीमारी से पीड़ित एक मरीज का खून प्रत्यारोपण कर मशीन का उद्घाटन किया गया। इसके साथ ही अब किडनी के मरीजों को डायलिसिस के लिए निजी व महंगे अस्पातलों में जाने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही एमबीबीएस के छात्रों की पढ़ाई में भी कठिनाई नहीं होगी।

एसकेएमसीएच में डायलिसिस के लिए मरीजों को कोई शुल्क नहीं देना होगा। किडनी की बीमारी से पीड़ित मरीज अहियापुर थाना के शेखपुर गांव के सीताराम साह ने बताया कि दो माह से उसका डायलिसिस हो रहा है। इसे सप्ताह में दो बार कराना पड़ता है। अब तक शहर के एक निजी अस्पातल में डायलिसिस करा रहे थे। एक दिन डायलिसिस कराने पर करीब पांच हजार रुपये खर्च होते थे। अब तक इस पर करीब दो लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। एसकेएमसीएच में नि:शुल्क डायलिसिस किया गया है।

इधर, न्यूरोफॉलोजी विभाग के डॉ. धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि किडनी मरीजों को सप्ताह में कम से कम दो बार ब्लड प्रत्यारोपण की जरूरत होता है। आर्थिक रूप से कमजोर मरीज निजी अस्पतालों में डायलिसिस नहीं करा पते हैं। इस कारण उनकी मौत हो जाती है। इधर, एसकेएमसीएच प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने बताया कि टेक्नीशियन की कमी व खराबी के कारण डायलिसिस मशीन बंद थी। गुरुवार को इसे चालू कर दिया गया। मौके पर एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. जीके ठाकुर, उपाधीक्षक डॉ. सुनील कुमार शाही, आर्थो विभागाध्यक्ष डॉ. नागेंद्र प्रसाद सिंह व मौजूद थे।

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