मधुमेह व हृदय रोगी बरतें सावधानी
छठ महापर्व की तैयारी में लोग जुटे हुए हैं। पिछले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव होने से लोगों को गर्मी से राहत मिल गई है। इसके साथ ही मौसमी बीमारियों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। ऐसे में स्वास्थ्य...
छठ महापर्व की तैयारी में लोग जुटे हुए हैं। पिछले कुछ दिनों में मौसम में बदलाव होने से लोगों को गर्मी से राहत मिल गई है। इसके साथ ही मौसमी बीमारियों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। ऐसे में स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी सी भी लापरवाही हमें बीमार कर सकती है। छठ में व्रती के साथ बच्चे व बुजुर्गों को भी अपनी सेहत का ख्याल रखना जरूरी है।
सदर अस्पताल के फिजीशियन डॉ. नवीन कुमार बताते हैं कि वायरल इन्फेक्शन की चपेट में हर उम्र के लोग आ रहे हैं। उन्होंने मधुमेह रोगियों को उपवास के दौरान दवा की डोज आधा ही लेने की सलाह दी। कहा कि पूरा डोज लेने से शरीर में उपवास के दौरान और अधिक सुगर की कमी होने का खतरा है। गर्भवती महिलाओं को यह कठिन व्रत करने से बचना चाहिए। हृदयरोगी दवा की डोज कम मात्रा में लें। खरना पूजन व सुबह के अर्घ्य देने के बाद दवा लेना नहीं भूलें। व्रती उपवास के बाद तला-भुना पकवान खाने से परहेज करें और सुपाच्य भोजन ग्रहण करें। इससे एसीडीटी, अपच जैसी समस्याएं नहीं होंगी। सुबह व शाम में ठंड का अनुभव व दोपहर में धूप निकलने से लोग सतर्कता से बचते हैं। ऐसे में उन्हें बीमार होने का ज्यादा खतरा रहता है। बच्चे व बुजुर्गों के साथ हृदय व रक्तचाप के मरीजों के लिए यह मौसम खतरनाक माना गया है। ये सावधानी बरतें घाटों पर
मौसम में बदलाव होने से सुबह व शाम में बच्चों को मौसम के अनुरूप कपड़े पहनाएं। व्रती व अन्य लोग पूरा शरीर ढकने वाले कपड़े पहनकर ही घाट पर जाएं। बेवजह अधिक देर पानी में खड़ा होने से बचें। गर्भवती घाट के किनारे जाने से परहेज करें। फिसलन होने से गिरने का खतरा रहता है।