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श्रीराम कथा में राम-सीता विवाह कथा के प्रसंग का वर्णन

जीरोमाइल में चल रहे श्रीराम कथा के पांचवें दिन धनुष भंग और राम-सीता विवाह कथा के प्रसंग का वर्णन किया गया। इस दौरान प्रस्तुत किए गए भजनों पर महिलाएं...

श्रीराम कथा में राम-सीता विवाह कथा के प्रसंग का वर्णन
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSat, 27 Nov 2021 10:20 PM
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मुजफ्फरपुर। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि

जीरोमाइल में चल रहे श्रीराम कथा के पांचवें दिन धनुष भंग और राम-सीता विवाह कथा के प्रसंग का वर्णन किया गया। इस दौरान प्रस्तुत किए गए भजनों पर महिलाएं झूम उठीं। कथावाचक रविशंकर महाराज ने ‘आज मिथिला नगरिया निहाल हो गई, प्यारे राघव की यह ससुराल हो गई... सहित कई अन्य भजन पेश किए।

धनुष भंग की कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि धनुष अहंकार का प्रतीक है और अहंकार तोड़ना भगवान का सरल स्वभाव है। उन्होंने कहा कि अहंकार के नाश के लिए गुरु कृपा का होना अति आवश्यक है। जब तक जीवन में अभिमान रहेगा तब तक भगवान की प्राप्ति संभव नहीं है। भगवान ने स्वयं अवतार लेकर गुरु महिमा का दर्शन करवाया। बिना गुरु कृपा के ज्ञान की प्राप्ति भी संभव नहीं हो सकती। कथा में उन्होंने जनकपुर दर्शन, धनुषभंग, परशुराम संवाद और सीता-राम विवाह का वर्णन किया। मुख्य यजमान रत्नेश्वर प्रसाद सिंह ने बताया कि सीता-राम विवाह को लेकर पूरे पांडाल को रंग-बिरंगे गुब्बारों और फूलों से सजाया गया था।

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