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विभाग बदला, अधिकारी बदले, नहीं बदली छात्रों की किस्मत

विभाग बदला, अधिकारी बदले पर छात्रों की किस्मत नहीं बदली। उच्च शिक्षा के लिए अनु. जाति-जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति आवेदन सत्यापन के चक्कर में फंसी हुई है।...

विभाग बदला, अधिकारी बदले, नहीं बदली छात्रों की किस्मत
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरFri, 18 Oct 2019 05:46 PM
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विभाग बदला, अधिकारी बदले पर छात्रों की किस्मत नहीं बदली। उच्च शिक्षा के लिए अनु. जाति-जनजाति, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के छात्रों को दी जाने वाली छात्रवृत्ति आवेदन सत्यापन के चक्कर में फंसी हुई है। जिले के 10,495 में महज 500 छात्रों के ही आवेदन का सत्यापन अब तक हो पाया है। छात्रों को यह छात्रवृत्ति पहले कल्याण विभाग से मिलती थी। इस बार से यह जवाबदेही शिक्षा विभाग को दे दी गई। साढ़े नौ हजार छात्रों के आवेदन का सत्यापन अब तक लटका हुआ है। सरकार ने सत्यापन के लिए 30 अगस्त तक का समय दिया था। अब स्थिति यह कि अधिकारी कॉलेज पर तो कॉलेज प्रबंधन अधिकारी पर पल्ला झाड़ रहे हैं।

छात्रवृत्ति के लिए जिले के कुल 10495 छात्रों ने आवेदन दिए थे। इनमें 6653 छात्र जिले के भीतर स्थित इंस्टीच्यूट और कॉलेज के हैं। बाकी छात्र अन्य जिले या दूसरे राज्य में पढ़ रहे हैं। 6653 में 2971 छात्रों के आवेदन का सत्यापन इंस्टीच्यूट और कॉलेज की ओर से कर दिया गया। अब इनके आवेदन का सत्यापन बिहार शिक्षा परियोजना के अधिकारियों को अपने स्तर से करना है। जिले से इसकी जवाबदेही प्रखंड कल्याण अधिकारी, बीडीओ और अन्य अधिकारियों को मिली। इसमें अब तक महज 500 आवेदन का ही सत्यापन करके दिया गया है। डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान डॉ. अमरेन्द्र पांडेय ने बताया कि जिले के बाहर और राज्य के बाहर के आवेदन के सत्यापन की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। कॉलेज से सत्यापित 2972 आवेदन के सत्यापन का काम हो रहा है।

18-19 अक्टूबर को कैम्प लगाने का दिया गया आदेश

आवेदन के सत्यापन में लापरवाही पर सरकार ने अधिकारियों से जवाब मांगा है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने आवेदन की स्वीकृति के लिए 15 नवंबर तक का समय बढ़ाया है। जिला स्तर पर 18 और 19 अक्टूबर को कैम्प लगाकर सत्यापन का आदेश दिया है। डीईओ डॉ. विमल ठाकुर ने बताया कि जिला स्कूल में जिला स्तरीय कैंप का आयोजन किया गया है। इसमें शैक्षणिक संस्थान आकर अपने संस्थान के संबंधित आवेदक के आवेदन का ऑनलाइन सत्यापन कराएंगे। ऐसा नहीं होने पर इसकी सारी जवाबदेही संबंधित शैक्षणिक संस्थान एवं कॉलेज की होगी। इसके बाद संबंधित कॉलेज पर कार्रवाई होगी।

143 कॉलेज और इंस्टीच्यूट में अभी पेंडिंग हैं आवेदन

डीपीओ ने बताया कि 6653 में 3682 आवेदनों का सत्यापन कॉलेज स्तर पर ही नहीं किया गया है। जिले में 143 कॉलेज और इंस्टीच्यूट ने आवेदन की जांच ही नहीं की। कॉलेज की जांच के बाद ही बीईपी को जांच करनी है। कॉलेजों को कई बार रिमाइंडर दिया गया है।

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