बंदरा में बीमित किसानों को फसल क्षति मुआवजा
बंदरा प्रखंड में फसल क्षति में भारी गड़बड़ी सामने आई है। प्रखंड की कई पंचायतों में बीमा कराए हुए किसानों को भी फसल क्षति के मुआवजे का लाभ दे दिया गया है। डीएम मो. सोहैल के आदेश पर हुई जांच में इसका...
बंदरा प्रखंड में फसल क्षति में भारी गड़बड़ी सामने आई है। प्रखंड की कई पंचायतों में बीमा कराए हुए किसानों को भी फसल क्षति के मुआवजे का लाभ दे दिया गया है। डीएम मो. सोहैल के आदेश पर हुई जांच में इसका खुलासा हुआ। जांच में प्रखंड स्तर के अधिकारी व किसान सलाहकारों की लापरवाही सामने आई है। क्षेत्र में बीमित किसानों को तो फसल क्षति का लाभ दे दिया गया है। वहीं, जरूरतमंद किसानों को इससे वंचित रखा गया।
जांच में यह भी सामने आया है कि बंदरा की तेपरी पंचायत के जरूरतमंद किसानों का नाम सूची में जोड़ा ही नहीं गया है। यहां के 37 किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी। इसके बावजूद उनको मुआवजे का लाभ नहीं मिला। किसानों ने इसकी शिकायत डीएम से की। इस पर डीएम ने कृषि अधिकारी को मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया। जिला कृषि अधिकारी डॉ. केके वर्मा ने जांच के लिए कृषि निरीक्षक सर्वेंद्र किशोर के अगुवाई एक टीम बनाई। जांच में पाया गया कि 37 किसानों को जानबूझकर फसल क्षति का लाभ नहीं दिया गया है। जांच अधिकारी ने मामले में बीएओ सूर्यदेव महतो व किसान सलाहकार जगदीश शाह से लंबी पूछताछ की है। इस दौरान बीएओ ने बताया कि इन किसानों ने फसल बीमा कराया था। इस कारण इन्हें मुआवजा नहीं दिया गया। इसपर किसानों ने अधिकारियों का पर्दाफाश करते हुए जानकारी दी कि उनकी पंचायत में 413 लोगों को मुआवजा दिया गया है। इनमें से अधिकतर बीमित किसान हैं। किसानों ने यह आरोप भी लगाया कि तेपरी के अलावे भी दर्जनों पंचायतों में बीमित किसान को मुआवजा का लाभ दिलाया गया। जांच में कृषि निरीक्षण ने पाया कि बीएओ व किसान सलाहकार ने फसल क्षति की सूची बनाने व भुगतान दिलाने में अनियमितता की है।
कृषि निरीक्षक सर्वेंद्र किशोर ने बताया कि बंदरा में फसल क्षति मुआवजा में गड़बड़ी की शिकायत डीएम से की गई थी। जांच में गड़बड़ी पाई गई है। 37 किसानों का फसल क्षति मुआवजा का लाभ नहीं दिया गया है। जांच रिपोर्ट जिला कृषि अधिकारी सौंपी जाएगी। आगे की कार्रवाई वह करेंगे।