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बागमती तटबंध से 120 गांव पर संकट: अनिल

बागमती आंदोलन समर्थन समिति बागमती पर बनने वाले तटबंध के खिलाफ आंदोलन करेगा। यह निर्णय समिति की ओर से सोमवार को मझौलिया स्थित मोहम्मद यूनुस के आवास...

बागमती तटबंध से 120 गांव पर संकट: अनिल
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरMon, 08 Mar 2021 11:42 PM
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बागमती आंदोलन समर्थन समिति बागमती पर बनने वाले तटबंध के खिलाफ आंदोलन करेगा। यह निर्णय समिति की ओर से सोमवार को मझौलिया स्थित मोहम्मद यूनुस के आवास पर आयोजित बैठक में लिया गया।

मौके पर गंगा मुक्ति आंदोलन के प्रणेता अनिल प्रकाश ने कहा कि भारत-नेपाल सीमा के ढेंग से शिवहर, सीतामढ़ी के बाद मुजफ्फरपुर के गायघाट प्रखंड के गंगिया तक बागमती पर तटबंध निर्माण का काम हो चुका है। विरोध के बाद आनन फानन में तटबंध का निर्माण रोक दिया गया था। चुनाव से पूर्व राज्य के कैबिनेट से तटबंध निर्माण की मंजूरी दे दी गई। इस तटबंध से मुजफ्फरपुर और दरभंगा जिले के करीब 120 गांव नदी के अंदर आ जाएंगे और एक लाख लोग विस्थापित हो जाएंगे। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. हरेंद्र कुमार ने कहा कि तटबंध के खिलाफ लोगों में आक्रोश है। लोगों में इससे होने वाले नुकसान को लेकर डर है। शिक्षाविद डॉ. विजय कुमार जयसवाल ने कहा कि राज्य सरकार का निर्णय बेहद चिंताजनक है। सामाजिक कार्यकर्ता रमेश पंकज ने कहा कि सरकार की सोच प्रकृति व मनुष्य विरोधी है। अशोक भारत ने कहा कि जनविरोधी बागमती बांध निर्माण के खिलाफ आंदोलन होनी चाहिए। किसान नेता चंदेश्वर चौधरी ने कहा कि जनता की आवाज को दबाने की साजिश चल रही है। आनंद पटेल ने कहा कि कोई भी नदी पर बांध बनेगा तो विनाशकारी ही होगा। मौके पर गठित बागमती आंदोलन समर्थन समिति के अध्यक्ष प्रो. जायसवाल को बनाया गया। संचालन डॉ. हेमनारायण विश्वकर्मा ने किया। अध्यक्षता अनिता कुमारी ने की। बागमती संघर्ष मोर्चा के संयोजक जितेंद्र यादव, सीताराम राय, जगन्नाथ पासवान, नवल किशोर सिंह, विवेक कुमार, ब्रह्मानंद ठाकुर, ई. उपेन्द्र, महेश कुमार चौधरी, रामबाबू, धीरज कुमार, मो. इदरिश ने तटबंध का विरोध किया।

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