ट्रेन में चकमा देने को शातिर अपने पास नहीं रखते शराब
मुजफ्फरपुर में शराब तस्करी का तरीका बदल गया है। अब तस्कर ट्रेन यात्रा के दौरान शराब को अपने साथ नहीं रखते, बल्कि उन्हें बर्थ के नीचे या टॉयलेट में छिपा देते हैं। हाल ही में लिच्छवी एक्सप्रेस से 18...
मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। रेल रूट पर सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ती दबिश के बीच शराब तस्करी का तरीका बदल गया है। यूपी व अन्य राज्यों से शराब के छोटे-छोटे कंसाइनमेंट लाने वाले कैरियर अब ट्रेन यात्रा में अपने साथ शराब नहीं रखते, बल्कि दूसरे बर्थ के नीचे से लेकर टॉयलेट तक ऐसी जगह शराब की बोतल भरे बैग या झोले छिपा देते हैं, जो उनकी नजर में रहे। उतरने से पहले संबंधित स्टेशन के प्लेटफॉर्म की स्थिति भांपने के बाद मौका पाकर शराब का कंसाइनमेंट लेकर निकल जाते हैं। शराब तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान यह नया तरीका सामने आया है।
दो दिन पहले ही जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर खड़ी लिच्छवी एक्सप्रेस की एसी बोगी से 18 बोतल शराब लावारिस स्थिति में बरामद की गई थी। ऐसे अन्य मामले भी हैं। बीच में खासकर बुजुर्ग गरीब महिलाओं को मोहरा बनाकर शराब की तस्करी के दौरान कई कैरियर के पकड़ने जाने के बाद शातिर तस्करों के इस नए तरीके पर रेल पुलिस के साथ ही खुफिया तंत्र की पैनी नजर है।
सिंडिकेट के सरगनाओं तक नहीं पहुंच रहे पुलिस के हाथ :
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल व अन्य जगहों से शराब की सप्लाई हो रही है। ट्रेनों के जरिए हो रही तस्करी के दौरान कैरियर के साथ ही शराब के कंसाइनमेंट भी बरामद होते रहे हैं। लेकिन, अब तक तस्करों के सिंडिकेट के सरगनाओं तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच रहे हैं। नतीजतन तरीका बदल-बदल कर शराब तस्कर लगातार पुलिस को चकमा दे रहे हैं।
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