जल संकट आज पूरी दुनिया के लिए चुनौती है। मुजफ्फरपुर सहित पूरे राज्य में भूमिगत जल का स्तर 35 फीट नीचे तक चला गया है। यह भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। ये बातें गुरुवार को बीआरए बिहार विवि के भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. उमाशंकर सिंह ने कहीं। वे नीतीश्वर कॉलेज के भूगोल विभाग की ओर से ‘जल प्रबंधन एवं संरक्षण विषय पर सेमिनार में बोल रहे थे।
कहा कि अभी से जल संचय पर ध्यान नहीं दिया गया तो अगले दशकों में भारत का 30 फीसदी हिस्सा जलविहीन हो जाएगा। इससे करीब 16 फीसदी आबादी प्रभावित होगी। विषय प्रवेश कराते हुए कॉलेज के भूगोल विभाग की अध्यक्ष डॉ. इंद्राणी राय ने जल प्रबंधन, जल की कमी, बढ़ती हुई जनसंख्या का जल की उपयोगिता पर बढ़ता दबाव, खारे जल की अधिकता और जलवायु व तापमान परिवर्तन पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता आरडीएस कॉलेज के भूगोल विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद कुमार ने कहा कि विश्व में 80 फीसदी बीमारियां शुद्ध जल की कमी से हो रही हैं।
प्राचार्य डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि जल संरक्षण आज की जरूरत बन गई है। डॉ. जफर इमाम, डॉ. ममता राय, डॉ. पुण्यदेव साह, डॉ. अवधेश प्रसाद सिंह, डॉ. विधु शेखर सिंह, डॉ. रंजना सिन्हा, डॉ. कुमारी सरोज, डॉ. निखिल रंजन प्रकाश, डॉ. नीतू सिंह, डॉ. रवि रंजन, डॉ. सौम्य सरकार, डॉ. राखी तिवारी, डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ. रणवीर कुमार, प्रवीण कुमार, सचिन शर्मा, राहुल कुमार, जयंत कुमार आदि थे। संचालन डॉ. निभा शर्मा व धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सरिता कुमारी ने किया।