Buddha Purnima Celebrated at Historic Buddhist Ashram in Muzaffarpur भगवानपुर बौद्ध आश्रम में भगवान बुद्ध की हुई पूजा, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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भगवानपुर बौद्ध आश्रम में भगवान बुद्ध की हुई पूजा

मुजफ्फरपुर के भगवानपुर स्थित बौद्ध आश्रम में सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान गौतम बुद्ध का पूजन किया गया। आश्रम की स्थापना 1965 में पशुपतिनाथ सिन्हा ने की थी। इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म,...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरTue, 13 May 2025 12:26 AM
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भगवानपुर बौद्ध आश्रम में भगवान बुद्ध की हुई पूजा

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। भगवानपुर स्थित बौद्ध आश्रम में सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर भगवान गौतम बुद्ध का पूजन किया गया। यह आश्रम छह दशक पुराना है। इस आश्रम की स्थापना पशुपतिनाथ सिन्हा ने की थी। वे वैशाली अंतरराष्ट्रीय बौद्ध समिति के प्रधान सचिव के पद पर थे। आश्रम में प्रत्येक वर्ष भगवान बुद्ध की जयंती का आयोजन होता रहा है। पूजा समारोह में वैशाली से भी भगवान बुद्ध के अनुयायी शामिल होते हैं। आश्रम के अनागत ने बताया कि मेरे दादा पशुपतिनाथ सिन्हा ने 1965 में भगवानपुर में भगवान बुद्ध की तीन प्रतिमा स्थापित की थी। मेरे दादा बुद्ध के अनुयायी थे।

वे शहर से लेकर गांव तक भगवान बुद्ध के विचारों का प्रचार प्रसार किया करते थे। उनका निधन 2014 में हो गया तब से मेरे पिता गुलजार राम ने पूजा की जिम्मेदारी संभाली और 2023 में उनका भी निधन हो गया। उसके बाद मेरी मां बेबीकला भगवान बुद्ध की सेवा में लगी रहती हैं। बेबी कला ने बताया कि हम भाग्यशाली हैं कि भगवान बुद्ध की सेवा करने का अवसर मुझे मिला। भगवान बुद्ध का जन्म, मृत्यु एवं ज्ञान की प्राप्ति इसी तिथि को हुई, इसलिए यह तिथि खास माना जाता है। उनका जन्म पांच सौ ईसा पूर्व नेपाल के लुम्बनी में हुआ था। 80 वर्ष की आयु में इसी तिथि को कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ। उनकी जंयती पर खीर, मिठाई और फल का भोग लगाया गया। संध्या में काफी संख्या में लोगों ने भगवान का दर्शन पूजन किया। वहीं, भगवानपुर वार्ड सात के पूर्व पार्षद राजा विनीत ने बताया कि यहां पर भगवान गौतम बुद्ध का प्राचीन आश्रम है। वैशाख माह की पूर्णिमा को यहां पर भव्य आयोजन होता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु के नौवें अवतार के रूप में गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन को बहुत महत्व दिया जाता है। इसे सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है। बौद्ध धर्म के अनुयायी बोधि वृक्ष की पूजा करते हैं और भगवान बुद्ध के उपदेश सुनते हैं।

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