करोड़ों से बने आथर पुल पर आवाजाही के लिए पगडंडी
आथर में बूढ़ी गंडक पर करोड़ों की लागत से पुल बनकर तैयार है, लेकिन मुजफ्फरपुर-आथर-बखरी-दरभंगा रोड चालू नहीं होने से स्थानीय लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर सड़क से आवाजाही करना खतरनाक...

बोचहां, मुमताज अहमद। आथर में बूढ़ी गंडक पर करोड़ों की लागत से पुल बनकर तैयार है। बावजूद लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है। मुजफ्फरपुर-मुशहरी-आथर-बखरी-दरभंगा रोड के चालू नहीं होने के कारण राहगीरों के साथ स्थानीय लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काफी समय से लोग चार किलोमीटर जर्जर सड़क से जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। इस सड़क से भारी वाहनों की आवाजाही नहीं होती है। बाइक सवार भी किसी तरह से आते-जाते हैं।
आथर पुल के बाद दो किलोमीटर पूरब व बिंदा से द्वारकानाथ तक सड़क पर पैदल चलना दूभर है। यह सड़क मुजफ्फरपुर से मुशहरी होते हुए दरभंगा फोरलेन को जोड़ती है। यह रास्ता शहर के पूर्वी छोर एवं मुशहरी प्रखंड के लोगों के लिए दरभंगा जाने का सबसे शार्ट रास्ता है। करोड़ों खर्च के बावजूद मुजफ्फरपुर-आथर-बखरी-दरभंगा रोड से फर्राटा भरने का लोगों का सपना अधूरा है।
लोगों में बढ़ रहा आक्रोश :
पूर्व मुखिया जोगिंदर महतो, भाजपा नेता सत्यनारायण चौधरी, समाजसेवी महेश राय, अरुण कुमार, शिक्षक उपेंद्र राम सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि लोगों के चलने के लिए पगडंडी ही सहारा है, जिस पर बरसात के समय में पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है। द्वारकानगर से बिंदा तक सड़क बद से बदतर है। पुल तो बन गया, दोनों तरफ एप्रोच पथ भी है, लेकिन चार किलोमीटर तक सड़क चलने लायक नहीं है। इससे लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। सड़क, पुल एवं मुआवजे के लिए ग्रामीणों के साथ हमेशा आंदोलनरत रहे समाजसेवी देवव्रत साहनी ने बताया कि यह सड़क शहर को दरभंगा से जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।