भूमिहार ब्राह्मण जाति को संवैधानिक संरक्षण मिले : संगठन
ब्रह्मर्षि विकास संगठन के महासचिव सुनील कुमार ने जनगणना आयुक्त भारत सरकार से अनुरोध किया है कि भूमिहार ब्राह्मण समाज के संवैधानिक और नागरिक अधिकार की

मुजफ्फपुरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। ब्रह्मर्षि विकास संगठन के महासचिव सुनील कुमार ने शुक्रवार को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, मुख्यमंत्री, रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त भारत सरकार से अनुरोध किया है कि भूमिहार ब्राह्मण समाज के संवैधानिक और नागरिक अधिकार की रक्षा की जाए। प्रस्तावित जनगणना सूची में भूमिहार ब्राह्मण जाति अंकित किया जाए। कहा कि भूमिहार ब्राह्मण जाति को संवैधानिक संरक्षण प्राप्त हो। भारत में भूमिहार ब्राह्मण विभिन्न नामों से जाना जाता है भूमिहार ब्राह्मण, त्यागी, मोहियाल, चित्पावन, मुखर्जी, दत्ता, कानकुब्ज, गालब और अन्य नामों से देश के राज्यों के निवास करते हैं। इनमें उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक आबादी है। कहा कि बिहार सरकार ने विगत वर्ष में जातिगत सर्वेक्षण कराया था।
इसमें भूमिहार ब्राह्मण जाति को एक साजिश के तहत विलोपित कर दिया गया और सिर्फ भूमिहार लिखा गया। जबकि बिहार में भूमिहार कोई जाति नहीं है, केवल भूमिहार ब्राह्मण जाति है। पूर्व के सभी जनगणना में भूमिहार ब्राह्मण जाति जनगणना में सम्मिलित रहा है। इतना ही नहीं जमीन संबंधी सभी दस्तावेज में भी भूमिहार ब्राह्मण ही अभी तक अंकित है। लेकिन बिहार सरकार एक तरफ जातीय सर्वेक्षण से नाम विलोपित करती है तो दूसरी तरफ जमीन सर्वेक्षण कराकर दस्तावेजी सबूत को भी मिटाना चाहती है।
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