Bihar Elections Police to Crack Down on Liquor Mafia with Strict Measures चार सौ से अधिक शराब धंधेबाज पर लगेगा सीसीए, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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चार सौ से अधिक शराब धंधेबाज पर लगेगा सीसीए

बिहार विधानसभा चुनाव में पुलिस शराब के माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। 42 थानों में 400 से अधिक शराब माफियाओं की सूची बनाई गई है। एसएसपी ने सभी अधिकारियों के साथ बैठक कर संपत्ति जब्ती और आर्म्स...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरFri, 29 Aug 2025 11:43 PM
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चार सौ से अधिक शराब धंधेबाज पर लगेगा सीसीए

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बिहार विधानसभा चुनाव में शराब के खेल को पुलिस पूरी तरह से बंद करेगी। चुनाव में बड़े पैमाने पर निरोधात्मक कार्रवाई की तैयारी की गई है। इसके तहत शराब माफियाओं पर अपराध नियंत्रण अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। जिले में दो या उससे अधिक मामलों में नामजद आरोपितों पर सीसीए-3 लगाया जाएगा। इसके लिए जिले के 42 थानों में 400 से अधिक शराब माफियाओं की सूची बनाई गई है। क्राइम हिस्ट्री के साथ सभी पर सीसीए का प्रस्ताव जिला निर्वाचन अधिकारी को भेजा जाएगा। निरोधात्मक कार्रवाई की रणनीति बनाने के लिए शुक्रवार को एसएसपी सुशील कुमार ने सिटी एसपी कोटा किरण कुमार, ग्रामीण एसपी राजेश कुमार सिंह प्रभाकर समेत जिले के सभी एसडीपीओ और डीएसपी के साथ बैठक की।

एसएसपी ने कहा कि सीसीए लगाए जाने के बाद यदि उसका पालन करने में हिस्ट्री शीटर कोताही बरतते हैं तो सख्ती से पेश आना है। उनके खिलाफ सीसीए के तहत आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी ने माफियाओं के खिलाफ संपत्ति जब्ती प्रस्ताव भी तैयार कराने का निर्देश दिया। सभी डीएसपी से अपने क्षेत्र के 10-10 माफियाओं की संपत्ति का प्रस्ताव बनाने के लिए कहा। इसके लिए अंचल अधिकारी से लेकर बैंक और निबंधन कार्यालय तक से ब्योरा जुटाने का निर्देश दिया गया। स्थानीय सूत्रों से भी माफियाओं की नामी-बेनामी संपत्ति का पता भी पुलिस लगाएगी। वहीं, आर्म्स लाइसेंस का अब तक सत्यापन नहीं कराने वालों के खिलाफ जिला शस्त्र दंडाधिकारी को उनके लाइसेंस रद्द करने का प्रस्ताव भेजना है। इसके लिए डीएसपी सभी थाना स्तर पर शस्त्र सत्यापन की समीक्षा करेंगे। गैर सतपित लाइसेंस धारकों की सूची बनाकर डीएम को प्रस्ताव समर्पित किया जाएगा। मुख्यालय ने सभी थानों में 15 दिन के अंदर सभी लंबित कुर्की वारंट का तामिला कराने का निर्देश दिया है। इसका सख्ती से पालन करना है। इसके अलावा संज्ञेय प्रवृति के कांड दर्ज होते पांच दिन के अंदर सुपरवीजन रिपोर्ट जारी करना है। इस पर भी विचार-विमर्श किया गया और पुराने लंबित कांडों में प्रत्येक 15 दिन पर समीक्षा करने के लिए कहा गया है। समीक्षा के दिन ही प्रोग्रेस रिपोर्ट भी जारी कर देनी है।

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