एमफिल में सेमिनार के सर्टिफिकेट के लिए लग रही बोली
- डिसर्टेशन लिखने के लिए कई बिचौलिये छात्रों से कर रहे संपर्क - बीआरएबीयू

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता।
बीआरए बिहार विवि में एमफिल की लिखित परीक्षा हो जाने के बाद सेमिनार का सर्टिफिकेट बनवाने के लिए बोली लग रही है। एमफिल परीक्षा दे चुके छात्रों को सेमिनार और डिसर्टेशन जमा करना है। इन दोनों के सर्टिफिकेट दिये बना छात्रों को एमफिल की डिग्री नहीं मिल सकती है। बिहार विवि के डिस्टेंस की एमफिल परीक्षा में 1185 छात्रों ने परीक्षा दी है। बिहार विवि के डिस्टेंस से जुड़े लोगों ने बताया कि सेमिनार का सर्टिफिकेट बनवाने के लिए बिचौलियों के साथ कुछ शिक्षक भी छात्रों से संपर्क कर रहे हैं। सेमिनार और डिसर्टेशन का कॉम्बो पैक देने के लिए 50 से 60 हजार रुपये की मांग की जा रही है।
बिहार विवि के कुछ कर्मचारी और लंबे समय से पीएचडी कर रहे शोधार्थी भी इसमें आगे आये हैं। बिहार विवि में एमफिल की परीक्षा आठ वर्षों के बाद हुई है। इसलिए जिन छात्रों ने एमफिल की परीक्षा दी है, उनमें से ज्यादातर कहीं नौकरी कर रहे हैं और 90 पेज का डिसर्टेशन लिखने में सक्षम नहीं है। छात्र भी कई ऐसे लोगों से संपर्क साध रहे हैं जो उनका यह काम कर दे। यूजीसी ने नियम बनाया है बिना डिसर्टेशन और सेमिनार के सर्टिफिकेट के एमफिल की डिग्री नहीं मिलेगी।
शोध में से प्लेगरिज्म हटाने का दबाव :
बिहार विवि के एक अधिकारी ने बताया कि कई छात्र इसका भी दबाव बना रहे हैं कि शोध में से प्लेगरिज्म हटा दिया जाये ताकि उनका डिसर्टेशन आसानी से जमा हो सके, लेकिन डिस्टेंस प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया है। बिहार विवि में सक्रिय कुछ बिचौलिये छात्रों से रिसर्च पेपर छपवाने के लिए नाम पर भी उगाही में जुटे हैं। छात्रों को अपना रिसर्च पेपर यूजीसी पीयर जरनल में ही प्रकाशित करवाना है। इसलिए छात्रों से इसके नाम पर राशि की मांग की जा रही है। कुछ छात्रों ने बताया कि हमलोग साफ-सुथरे तरीके से एमफिल करना चाहते हैं, लेकिन इसके बाद भी पैसे की मांग की जा रही है।
बयान :
छात्रों से वसूली हो रही है तो कौन कर रहा है, इसकी शिकायत करें, इसके बाद कार्रवाई की जायेगी।
प्रो. राम कृष्ण ठाकुर, रजिस्ट्रार, बीआरएबीयू