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बालिका गृह कांड : 238 दिनों बाद भी डॉ. प्रोमिला व सीडब्ल्यूसी मेंबर फरार

बालिका गृह कांड में आरोपित डॉ. प्रोमिला व एक सीडब्ल्यूसी मेंबर की गिरफ्तारी सीबीआई के लिए चुनौती साबित हो रही है। कांड के खुलासे के करीब 238 दिनों के बाद सीबीआई दोनों को अबतक पकड़ नहीं सकी है। दोनों...

बालिका गृह कांड में आरोपित डॉ. प्रोमिला व एक सीडब्ल्यूसी मेंबर की गिरफ्तारी सीबीआई के लिए चुनौती साबित हो रही है। कांड के खुलासे के करीब 238 दिनों के बाद सीबीआई दोनों को अबतक पकड़ नहीं सकी है। दोनों...
1/ 2बालिका गृह कांड में आरोपित डॉ. प्रोमिला व एक सीडब्ल्यूसी मेंबर की गिरफ्तारी सीबीआई के लिए चुनौती साबित हो रही है। कांड के खुलासे के करीब 238 दिनों के बाद सीबीआई दोनों को अबतक पकड़ नहीं सकी है। दोनों...
बालिका गृह कांड में आरोपित डॉ. प्रोमिला व एक सीडब्ल्यूसी मेंबर की गिरफ्तारी सीबीआई के लिए चुनौती साबित हो रही है। कांड के खुलासे के करीब 238 दिनों के बाद सीबीआई दोनों को अबतक पकड़ नहीं सकी है। दोनों...
2/ 2बालिका गृह कांड में आरोपित डॉ. प्रोमिला व एक सीडब्ल्यूसी मेंबर की गिरफ्तारी सीबीआई के लिए चुनौती साबित हो रही है। कांड के खुलासे के करीब 238 दिनों के बाद सीबीआई दोनों को अबतक पकड़ नहीं सकी है। दोनों...
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरThu, 24 Jan 2019 01:33 AM
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बालिका गृह कांड में आरोपित डॉ. प्रोमिला व एक सीडब्ल्यूसी मेंबर की गिरफ्तारी सीबीआई के लिए चुनौती साबित हो रही है। कांड के खुलासे के करीब 238 दिनों के बाद सीबीआई दोनों को अबतक पकड़ नहीं सकी है। दोनों के कई ठिकानों पर छापेमारी भी की जा चुकी है। सीबीआई उनके रिश्तेदारों के सत्यापन में जुटी है। हालांकि, डॉ. प्रोमिला के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर विशेष पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट कर चुकी है।

चार्जशीट के अनुसार, डॉ. प्रोमिला पर बच्चियों की शिकायत को अनसुना करने का आरोप है। इसके अलावा ब्रजेश ठाकुर और अन्य आरोपितों का शिकार बनी पीड़ित व जख्मी बच्चियों का चोरी-छुपे इलाज करने का आरोप है। बालिका गृह में रहने वाली कई बच्चियों ने डॉ. प्रोमिला और तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी से शिकायत की थी। अपनी दुर्दशा से अवगत कराया था, लेकिन बच्चियों की पीड़ा अनसुनी कर दी। बच्चियों की पीड़ा को दरकिनार करते हुए मुख्यालय को ऑल इज वेल की रिपोर्ट भेजते रहे। बता दें कि बालिका गृह कांड में 22 आरोपितों को जेल भेजा गया। इनमें से दो के खिलाफ सबूत नहीं मिलने पर कोर्ट ने रिहा कर दिया। फिलहाल, 20 आरोपित देश के विभिन्न जेलों में बंद हैं, जबकि दो फरार हैं।

आरोपितों को मिलेगा पुलिस पेपर :

बालिका गृह कांड के 20 आरोपितों के वकील और उनके परिजनों को विशेष पॉक्सो कोर्ट के माध्यम से पुलिस पेपर उपलब्ध कराया जाएगा। कोर्ट ने सीबीआई को अगली सुनवाई यानी 29 जनवरी को आरोपितों के वकील या परिजनों को सौंपने को आदेश दिया था। पिछली सुनवाई के दौरान पुलिस पेपर अधूरा होने की वजह से कोर्ट ने उसे पूरा कर देने का आदेश दिया था।

जेल में बंद आरोपित:

बालिका गृह का संरक्षक ब्रजेश ठाकुर, तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी, निलंबित सीपीओ रवि रौशन, सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष दिलीप कुमार वर्मा, मेंबर विकास कुमार, अधीक्षिका इंदू कुमारी, ब्रजेश की करीबी मधु उर्फ साजिस्ता परवीन, मधु का भांजा विक्की, ब्रजेश का मैनेजर रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर सहित 20 आरोपित देश के विभिन्न जेलों में बंद हैं।

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