महाकवि अवधेश्वर अरुण बज्जिका भाषा और संस्कृति के गौरव स्तंभ
संक्षेप: मुजफ्फरपुर में महाकवि अवधेश्वर के जन्म दिवस पर बज्जिका दिवस और बज्जिका सेवी सम्मान समारोह 2025 का आयोजन किया गया। विधान पार्षद प्रो. संजय कुमार सिंह ने बज्जिका रामायण की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बज्जिका रामायण के रचयिता महाकवि अवधेश्वर के जन्म दिवस पर बज्जिका दिवस सह महाकवि अवधेश्वर अरुण बज्जिका सेवी सम्मान समारोह 2025 का आयोजन किया गया। आयोजन मंगलवार को अरुणादित्य ट्रस्ट एवं तथागत सांस्कृतिक फाउंडेशन के सौजन्य से किया गया। समारोह का उद्घाटन करते हुए विधान पार्षद प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा कि महाकवि अवधेश्वर अरुण ने लुप्त होती बज्जिका भाषा को आमलोगों तक पहुंचाने का काम किया। उनकी कृति बज्जिका रामायण को बज्जिकांचल की अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा कि आज बज्जिका रामायण अपनी सहजता एवं सरलता के कारण घर-घर में लोकप्रिय है। मुख्य वक्ता डॉ. संजय पंकज ने कहा कि महाकवि अवधेश्वर अरुण को बज्जिकांचल के तुलसी, दधीचि, भागीरथ से संबोधित किया जाए तो वह भी कम है।
वह सही अर्थों में बज्जिका भाषा और संस्कृति के गौरव स्तंभ थे। बज्जिका के कवि कथाकार डॉ. विनोद कुमार सिन्हा ने कहा कि अवधेश्वर अरुण में बज्जिका के विकास के लिए एक गहरी छटपटाहट थी। वे सदैव बज्जिका भाषा के विकास के लिए प्रयत्नशील रहते थे। अध्यक्षता करते हुए आलोचक डॉ. रामप्रवेश सिंह ने कहा कि अवधेश्वर अरुण साहित्य की सीमा और उपलब्धि के विशिष्ट प्रतिमान रहे हैं। बज्जिका के विकास में योगदान के लिए ये किए गए सम्मानित: इस मौके पर बज्जिका भाषा के विकास में उल्लेखनीय योगदान के लिए वरिष्ठ कवि साहित्यकार इंजीनियर रामनरेश शर्मा, कवि ज्वाला सांध्य पुष्प, वरिष्ठ पत्रकार शशिभूषण कुमार, मणिभूषण अकेला, डॉ. रजनी प्रभा, डॉ. हरी विलास राय, गया प्रसाद एवं डॉ. भावना को महाकवि अवधेश्वर अरुण बज्जिका सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। समारोह का संचालन डॉ. रणवीर कुमार राजन ने किया। आभार कुमार आदित्य एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. यशवंत कुमार ने किया। इस मौके पर देवशंकर प्रसाद सिंह, डॉ. धनंजय सिंह, प्रो. शिवशंकर पंडित, रजत सिंह चंदेल आदि उपस्थित थे।

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