भगत सिंह के बताए मार्गों को करें आत्मसात
फिरंगियों से देश को आजादी दिलाने के लिए शहीद भगत सिंह ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। पर गुलामी स्वीकार नहीं कर भारत माता की जय के आवाज को बुलंद करने का काम किया...
फिरंगियों से देश को आजादी दिलाने के लिए शहीद भगत सिंह ने हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूम लिया था। पर गुलामी स्वीकार नहीं कर भारत माता की जय के आवाज को बुलंद करने का काम किया था। ये बातें शुक्रवार को मिश्रौलिया चौक स्थित एक एक विद्यालय प्रांगण में ऑल इंडिया डीएसओ के तत्वावधान में आयोजित शहीदे आजम भगत सिंह के 87वें शहादत दिवस समारोह को संबोधित करते हुए जिला संयोजक विजय कुमार ने कही। इससे पूर्व विजय कुमार सहित अन्य सदस्यों ने शहीद भगत सिंह की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। प्रखंड संयोजक श्यामकुमार ने कहा कि वर्तमान समय में सरकार और नौकरशाही की लालफीताशाही के कारण शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गई है। जरूरत है छात्र-छात्राओं को भगत सिंह जैसे सरीखे क्रांतिकारी नेता के बताए मार्गों को आत्मसात करने की। अध्यक्षता डॉ. एमएम आलम ने की। मौके पर शिवशंकर यादव, दिनेश कुमार, बबलू, मणिशंकर, पिंकी, मनीता, राजकुमार, वीरेंद्र, आकाश, पूजा, पिंटू, रंजीत आदि ने अपने विचार रखे।