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नाट्य एवं रंगमंच के कलाकारों की हो स्कूल-कॉलेज में नियुक्ति

नाट्य एवं रंगमंच के कलाकारों की स्कूल-कॉलेज में नियुक्ति की मांग कलाकारों ने की है। नाट्य और रंगमंच में स्नातक तथा पीजी करने वाले कलाकारों ने यह मांग की...

नाट्य एवं रंगमंच के कलाकारों की हो स्कूल-कॉलेज में नियुक्ति
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSun, 23 Aug 2020 07:56 PM
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नाट्य एवं रंगमंच के कलाकारों की स्कूल-कॉलेज में नियुक्ति की मांग कलाकारों ने की है। नाट्य और रंगमंच में स्नातक तथा पीजी करने वाले कलाकारों ने यह मांग की है। सरकार से कलाकारों ने गुहार लगाई है कि संगीत, नृत्य की तरह ही इन कलाकारों की भी बहाली हो। सौरभ कौशिक, विशाल कुमार, राजेश कुमार आदि ने कहा कि हम लोगों ने नाट्य एवं रंगमंच की पढ़ाई की है। स्नातक तथा स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त कर ली है। एनसीएफ 2005 में लोककलाओं, ललितकलाओं के अंतर्गत नाट्य विषय स्वीकृत है। एनसीएफ 2009 तथा नई शिक्षा नीति में, प्रत्येक शिक्षण संस्थान में नाटक के माध्यम से पढ़ाई पर जोर दिया गया है। इसकी पढ़ाई देश के कई राज्यों में हो रही है। सीबीएसई ने भी इसके महत्व को स्वीकारा है। रंगकर्मियों ने कहा कि जब एनसीएफ तथा नई शिक्षा नीति की ओर से जोर दिया जा रहा है तो इस परिस्थिति में नाट्य एवं रंगमंच में डिग्रीधारी छात्र-छात्राओं को शिक्षक के रूप में नियुक्त करना अनिवार्य सा प्रतीत हो रहा है। ललित कला के अंतर्गत आने वाली अन्य कलाएं जैसे- संगीत, नृत्य, चित्रकला, मूर्तिकला का शिक्षण सभी संस्थाओं में नियमित रूप से जारी है। ऐसे में ललित कला का ही अंश नाट्य एवं रंगमंच का शिक्षण भी अनिवार्य लगता है। नाट्य शिक्षक को सभी शिक्षण संस्थाओं में नियुक्त करने से शिक्षण पद्धति को बेहतर से बेहतर आयाम दिया जा सकता है। नाटक में बीए तथा एमए करने वाले छात्रों में निराशा व्याप्त है। उनका भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।

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