बोचहां में मक्का फसल पर आर्मी वर्म का हमला
अक्सर मौसम की मार झेल संकट में फंसने वाले अन्नदाता फिर मुसीबत में घिर गये हैं। बोचहां की दर्जन भर से अधिक पंचायतों में आगात मक्का पर फॉल आर्मी वर्म ने हमला कर दिया है। पिछले कई दिनों से किसान परेशान...

अक्सर मौसम की मार झेल संकट में फंसने वाले अन्नदाता फिर मुसीबत में घिर गये हैं। बोचहां की दर्जन भर से अधिक पंचायतों में आगात मक्का पर फॉल आर्मी वर्म ने हमला कर दिया है। पिछले कई दिनों से किसान परेशान हैं। रातोंरात कीटों का प्रकोप उनकी मेहनत पर पानी फेर दे रहा है। सूचना पर सोमवार को मझौली के कनहरा हरिदास के कई खेतों में पौधा संरक्षण विभाग की टीम ने पहुंचकर आर्मी वर्म के हमले से उपजी स्थिति को देखा।
किसानों को इससे बचने के उपाय बताये गये। राघो मझौली के किसान सीताराम सिंह ने विभाग को सूचना दी थी। उनके कनहारा हरिदास स्थित पांच एकड़ के प्लॉट में लगे मक्के को कीट चट कर गये हैं। पौधा संरक्षण विभाग के उपनिदेशक गोपाल शरण प्रसाद, सहायक निदेशक राधेश्याम कुमार, कृषि समन्वयक मुकेश कुमार शर्मा, प्रवीण कुमार एवं किसान सलाहकार सचिन सौरव की टीम ने अन्य खेतों का भी निरीक्षण किया। राघो मझौली के किसान राजीव रंजन सिंह, रवि रंजन सिंह, नरेश सिंह, सुरेश राय सहित दर्जनों किसानों के खेतों की हालत एक जैसी हो गई है। लोहसरी, घरभाडा, चौमुख, सनाठी, आथर सहित कई अन्य पंचायतों में भी किसान आर्मी वर्म का प्रकोप झेल रहे हैं।
अमेरिकी मूल के कीट अफ्रीका में तबाही मचाने के बाद भारत पहुंचे
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार आर्मी वर्म अमेरिकी मूल के हैं। ये फसलों के लिए बहुत ही घातक होते हैं। दक्षिण अफ्रीका के युगांडा, इथियोपिया में तबाही मचाने के बाद भारत में कर्नाटक से इन कीटों ने जड़ जमाया। पौधा संरक्षण विभाग के उपनिदेशक गोपाल शरण प्रसाद की माने तो दक्षिण पश्चिम हवा के जरिए ये बिहार में भी पहुंच गये।
किसानों को सलाह
पौधा संरक्षण विभाग के सहायक निदेशक राधेश्याम कुमार ने बताया कि फॉल आर्मी वर्म से प्रभावित मक्के पर एसपीटेरम 17.8 प्रतिशत एससी या एंप्लीगो ( लैंबडा साई हेलोथ्रीन एवं क्लोरेंट्रनिलीपरोल ) की 0.5 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर शाम में स्प्रे करें। इसके प्रकोप में कमी आएगी।