जैन मंदिर में एक-दूसरे से क्षमा मांग मनाया क्षमावाणी पर्व
अनजाने में सभी से भूल हो सकती है। जीवन के कुछ क्रूर पलों में बुद्धि भी सो सकती है। उन अनजान पलों की भूल माफ करें। क्षमा पर्व पर क्षमादान दे हृदय साफ...
अनजाने में सभी से भूल हो सकती है। जीवन के कुछ क्रूर पलों में बुद्धि भी सो सकती है। उन अनजान पलों की भूल माफ करें। क्षमा पर्व पर क्षमादान दे हृदय साफ करें। इन सद्वचनों के साथ गुरुवार को मोतीझील स्थित श्री दिगंबर जैन मंदिर में क्षमावाणी पर्व पूरी आस्था के साथ मनाया गया। इस अवसर पर छोटे ने बड़ों के पैर छूकर और बड़ों ने छोटे व अपने समकक्ष वालों के गले मिलकर अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगी।
इससे पहले 1008 भगवान महावीर स्वामी की पूजा-अर्चना व आरती की गई। मंदिर के महामंत्री रविंद्र कुमार जैन ने बताया कि जो दूसरों की गलतियों को क्षमा कर सके, वह ही महान होता है। भगवान महावीर स्वामी और अन्य संत-महात्मा भी प्रेम और क्षमा भाव की शिक्षा देते हैं। भगवान महावीर ने आत्म कल्याण के लिए दस धर्मों के दस दीपक दिए हैं। प्रतिवर्ष पर्युषण पर्व आकर अंत:करण में दया, क्षमा व मानवता जगाने का कार्य करता है। जैसे हर दीपावली पर घर की साफ-सफाई की जाती है, उसी प्रकार पर्युषण मन की सफाई करने वाला पर्व है। मौके पर राकेशचंद्र जैन, ओमप्रकाश जैन, अजय जैन, रानी जैन, पदमा जैन व शफी जैन समेत अन्य श्रद्धालु भी थे।