लगातार बारिश से जिले में पशुचारे का संकट
बीते 15 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से जिले में पशुचारा का संकट गहराता जा रहा है। पशुपालकों के समक्ष अपने मवेशी का चारा जुटाना मुश्किल हो रहा है। किसानों के अनुसार लगातार बारिश होने और नदियों का...
बीते 15 दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से जिले में पशुचारा का संकट गहराता जा रहा है। पशुपालकों के समक्ष अपने मवेशी का चारा जुटाना मुश्किल हो रहा है। किसानों के अनुसार लगातार बारिश होने और नदियों का पानी खेतों में फैलने से हरा चारा डूब गया है। अब मवेशियों के लिए एक भूसा सहारा है जो आसानी से पशुपालक ले सकते है। लेकिन जैसे-जैसे बाढ़ का खतरा बढ़ने लगा है। भूसा की कालाबाजारी भी होने लगी है। पशु चारा में इस्तेमाल होने वाला दाना व खल्ली के मूल्यों में वृद्धि होने से यह सामान्य किसानों के लिए खरीदना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में मवेशियों के लिए बारिश कष्टदायक साबित हो रहा है। पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी जिले में पशुचारा के संकट की सूचना नहीं है लेकिन लगतार हो रही बारिश और बाढ़ के खतरे को देखते हुए पशुचारा का संकट हो सकता है। इससे निपटने के लिए पशुचारा सप्लायरों की गतिविधि और कालाबाजारी पर नजर रखी जा रही है। मवेशी को खिलाए खनिज मिश्रण बारिश के समय मवेशियों को प्रोटीन की आवश्यकता होती है।