ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मुजफ्फरपुरपुलिस तंत्र के सहयोग से बढ़ रहा शराब का धंधा

पुलिस तंत्र के सहयोग से बढ़ रहा शराब का धंधा

जिले में शराब के धंधे के फलने फूलने में पुलिस तंत्र का भरपूर सहयोग रहा है। शराब माफिया खुलेआम सार्वजनिक जगहों पर शराब की खेप उतारते हैं। लोग सब कुछ देखकर भी चुप रह जाते हैं, क्योकि शराब माफिया को...

पुलिस तंत्र के सहयोग से बढ़ रहा शराब का धंधा
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरMon, 14 Jan 2019 04:39 PM
ऐप पर पढ़ें

जिले में शराब के धंधे के फलने फूलने में पुलिस तंत्र का भरपूर सहयोग रहा है। शराब माफिया खुलेआम सार्वजनिक जगहों पर शराब की खेप उतारते हैं। लोग सब कुछ देखकर भी चुप रह जाते हैं, क्योकि शराब माफिया को पुलिस तंत्र से जुड़े लोगों के साथ उठते बैठते देखा जाता है। थानों के निजी चालक व चौकीदार धंधेबाजों व पुलिस के बीच सेतु का काम करते हैं। ऐसी सूचना उत्पाद विभाग में भी दर्ज है। जिसपर शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने की जिम्मेदारी थी वही शराब के धंधे में लिप्त रहा है।

शुरू से ही पुलिस पर शराब के धंधे को संरक्षण देने व उसमे शामिल रहने का आरोप लगाता रहा है। जिले के सबसे ज्यादा शराब का धंधा मोतीपुर में ही रहा है। उत्पाद विभाग की सूची में एक दर्जन से ज्यादा बड़े माफिया मोतीपुर के ही हैं। कई माफिया जमानत पर बाहर हैं जबकि कई माफिया पुलिस रिकॉर्ड में फरार हैं। लेकिन उसे लोग खुलेआम घुमते देखते हैं।

थानों के स्थानीय चालकों की रहती है भूमिका: उत्पाद विभाग के सूत्रों के अनुसार जिले के थानों में काफी संख्या में निजी चालक पुलिस की गाड़ी चलाते है जो अपने क्षेत्र में शराब के धंधे में संलिप्त रहते हैं या धंधेबाजों को सहयोग करते हैं। विभाग को भी कई बार ऐसी सूचना मिली है। पूर्व के दिनों में कुछ ऐसे चालक पकड़े भी गए हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों के थानों में तो धंधेबाज पुलिस के अधिकारियों से सीधे संपर्क में रहते हैं। निजी चालक धंधेबाजों व पुलिस के बीच सेतु का काम करते हैं। कई थानों के चालकों के खिलाफ शिकायत है।

चौकीदारों की भूमिका रहती है संदिग्ध

ग्रामीण इलाकों के थानों में चौकीदारों की भूमिका भी संदिग्ध रही है। चौकीदार धंधेबाजों को थाना की गतिविधियों से अवगत कराते हैं बदले में उन्हें धंधेबाज पैसा देते है। ऐसे दर्जनों आरोप संबंधित पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने उत्पाद विभाग में की है। चौकीदार थानों में जब्त शराब को भी किसी तरह निकाल कर उसे बेचते हैं। पूर्वी इलाके के एक थाने के एक चौकीदार के साथ शराब के रुपये को लेकर धंधेबाजों से विवाद हुई थी।

जब्ती के समय होता है खेल

पुलिस के विभागीय सूत्रों के अनुसार शराब जब्ती के समय भी अधिकारी खूब खेल करते हैं। जब्ती के तुरंत बाद गिनती कर शराब को छिपा लिया जाता है। वरीय अधिकारियों से भी जब्त शराब के आकड़ों का खेल करते है। जब्त शराब से कम आंकड़ा वरीय अधिकारियों को बताया जाता है। बाद में शराब बेच दिया जाता है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें