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सूबे के 615 वित्त रहित कॉलेजों का नाम इंटर नामांकन में पोर्टल पर गायब

इंटर नामांकन में जिले के दो दर्जन से अधिक और सूबे के 615 वित्त रहित कॉलेजों का नाम पोर्टल पर गायब है। इसके विरोध में वित्त रहित डिग्री कॉलेज के शिक्षकों ने आंदोलन का निर्णय लिया है। रविवार को बिहार...

सूबे के 615 वित्त रहित कॉलेजों का नाम इंटर नामांकन में पोर्टल पर गायब
मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाताMon, 29 Jun 2020 11:06 AM
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इंटर नामांकन में जिले के दो दर्जन से अधिक और सूबे के 615 वित्त रहित कॉलेजों का नाम पोर्टल पर गायब है। इसके विरोध में वित्त रहित डिग्री कॉलेज के शिक्षकों ने आंदोलन का निर्णय लिया है। रविवार को बिहार वित्त रहित शिक्षक, कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष प्रो. रामविनोद शर्मा व सचिव नरेंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में निवर्तमान विधान पार्षद प्रोफेसर संजय कुमार सिंह के आवास पर बैठक हुई।
संघ ने कहा कि 30-35 वर्षों से संबद्धता प्राप्त बिहार के तमाम वित्त रहित इंटर एवं डिग्री स्तरीय 615 कॉलेजों को वर्तमान में इंटर में नामांकन लेने से रोकने का प्रयास छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ करना है। बोर्ड ने नए सिरे से ओएफएसएस के माध्यम से केंद्रीयकृत नामांकन को ऑनलाइन अप्लाई के लिए पोर्टल पर जिन संस्थानों के नाम अपलोड किए हैं, उनमें इन 615 कॉलेजों का नाम छोड़ दिया गया। अगर पोर्टल पर नाम नहीं अपलोड किया गया तो छात्रों के साथ सड़क पर आंदोलन करेंगे।

बोर्ड के निर्देश के आलोक में कॉलेजों ने दर्ज कराई थी आपत्ति
प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा कि ये कॉलेज राज्य की इंटर स्तरीय शिक्षा व्यवस्था का 65 से 70 फीसदी बोझ अपने कंधों पर लेकर चल रहे हैं। इनका नाम नामांकन में पोर्टल से हटाना एक बड़ी साजिश है। इस संबंध में सोमवार को पटना जाकर बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष एवं शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को स्मार पत्र देकर इसमें सुधार के लिए प्रयास किया जाएगा। संघ ने कहा कि बोर्ड के निर्देश के आलोक में कॉलेज ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी। पोर्टल पर नाम नहीं डालने से छात्रों एवं अभिभावकों में आक्रोश है। बैठक में प्रो. रविंद्र कुमार सिंह, अनिल कुमार सिंह, प्रो. बनवारी प्रसाद साह, प्रो. रंजीत कुमार, रणधीर कुमार सिंह, विनोद कुमार, प्रो. अजय शर्मा, अनूप राय, डॉ. पवन कुमार सिंह, किरण कुमारी, सत्यव्रत शास्त्री, मिथिलेश यादव व देवशंकर प्रसाद सिंह भी शामिल हुए।

 

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