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40 हजार बच्चियों को समाज में बराबरी और आगे बढ़ाने की योजना का नहीं मिल सका लाभ

जिले की 40 हजार बच्चियों को जेंडर भेदभाव खत्म कर समाज में बराबरी और आगे बढ़ाने की सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाया। इसके लिए बच्चियों तक पहुंचाने के लिए दी गई 30 लाख की राशि विभाग के खजाने में ही...

40 हजार बच्चियों को समाज में बराबरी और आगे बढ़ाने की योजना का नहीं मिल सका लाभ
मुजफ्फरपुर। अनामिकाThu, 07 May 2020 04:52 PM
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जिले की 40 हजार बच्चियों को जेंडर भेदभाव खत्म कर समाज में बराबरी और आगे बढ़ाने की सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाया। इसके लिए बच्चियों तक पहुंचाने के लिए दी गई 30 लाख की राशि विभाग के खजाने में ही पड़ी रह गईं। बेटियों के लिए चलाई जाने वाली सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को पूरा करने में जिला समेत प्रमंडल फिसड्डी रहा है।
इक्विटी फॉर गर्ल्स, किशोरी मंच समेत अन्य योजनाओं की मिली राशि का उपयोग मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिले नहीं कर पाए हैं। वर्ष 19-20 के बजट में पास इन योजनाओं की राशि अधिकारियों की लापरवाही से पड़ी रही। 20-21 का बजट बनाने के लिए इन योजनाओं के लक्ष्य और उपलब्धि की समीक्षा में मामला खुलने पर अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य कार्यक्रम अधिकारी सचिन्द्र कुमार ने इस संबंध में डीईओ और डीपीओ समग्र शिक्षा अभियान से जवाब मांगा है। हाईस्कूल में पढ़ रही बच्चियों को सशक्त बनाने के लिए ये सभी योजनाएं शुरू की गई थीं।

तिरहुत प्रमंडल में किशोरी मंच के लिए दो जिले का किया गया था चयन
बेटियों को सशक्त बनाने को सूबे में अलग-अलग योजना के लिए अलग-अलग जिले का चयन किया गया था। हाईस्कूल की बच्चियों को किशोरी मंच के माध्यम से आगे बढ़ाने को मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी का चयन कर राशि दी गई थी। इसमें मुजफ्फरपुर में 198 और सीतामढ़ी में 108 हाईस्कूलों का चयन किया गया था। इसके लिए जिले में 10 लाख की राशि दी गई मगर इसका उपयोग नहीं किया गया। जबकि सीतामढ़ी में 54 स्कूलों में यह योजना चलाई गई।

जेंडर गैप खत्म करने को चयनित 16 स्कूलों की बच्चियां नहीं जान सकीं योजना
जेंडर गैप खत्म करने को मुजफ्फरपुर में 16 स्कूलों का चयन किया गया। मगर एक स्कूल में यह नहीं चली। इसके लिए डेढ़ लाख रुपये दिए गए थे। पूर्वी चम्पारण में 27 स्कूल चयनित थे। सभी जगह योजना चली। वैशाली में 10 में 0, प.चम्पारण में 18 में यह आंकड़ा शून्य रहा।

 प्रमंडल के 943 स्कूलों की बच्चियों को आत्मरक्षा की देनी थी ट्रेनिंग
आत्मरक्षा का गुर सिखाने के लिए प्रमंडल के 943 हाईस्कूलों की बच्चियों को मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग देनी थी। इसमें मुजफ्फरपुर में 212,पूर्वी चम्पारण में 215, शिवहर में 30, सीतामढ़ी में 125, वैशाली में 153 और प.चम्पारण में 208 स्कूलों में ट्रेनिंग देनी थी। जिले में इसके लिए 19 लाख 20 हजार रुपये दिए थे। इसके अलावा कैरियर गाइडेंस प्रोग्रम के लिए एक स्कूल का चयन किया गया था।

गर्ल्स इम्पावरमेंट के लिए 229 स्कूलों का किया गया था चयन
जिले के 229 स्कूलों में गर्ल्स इम्पावरमेंट योजना चलानी थी। इसमें एक स्कूल में यह योजना नहीं चली। पूर्वी चम्पारण में 243 में 27 और सीतामढ़ी में 143 में 34 स्कूलों में योजना चली। जिले में इसके लिए 22 लाख की राशि दी गई।

जिले में इन योजनाओं को चलाने में लटका है  प्रभार का मामला
जिले में बीईपी के तहत अलग-अलग संभाग प्रभारियों को इन योजनाओं का प्रभार देने का मामला लटका हुआ है। तरत्कालीन संभाग प्रभारी रमेश कुमार के ट्रांसफर के बाद दो अलग-अलग संभाग प्रभारी एक-दूसरे पर जवाबदेही डाल रहे हैं। डीईओ डॉ. विमल ठाकुर ने कहा कि राशि रहते हुए योजना का लाभ नहीं मिल पाया। डीपीओ से इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है।

 

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