एक ही खेत पर 12 किसानों का दावा
सूखा पीड़ित किसानों को कृषि इनपुट अनुदान आवेदन के निष्पादन में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। यह फर्जीवाड़ा कई तरीके से किया जा रहा है। कटरा की एक पंचायत में एक ही खेत पर 12 अलग-अलग किसानों को खड़ा कर फोटो...
सूखा पीड़ित किसानों को कृषि इनपुट अनुदान आवेदन के निष्पादन में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। यह फर्जीवाड़ा कई तरीके से किया जा रहा है। कटरा की एक पंचायत में एक ही खेत पर 12 अलग-अलग किसानों को खड़ा कर फोटो खींच कर आवेदन की अनुशंसा कर दी गई। वहीं, पारू में दलालों के हाथ में कृषि इनपुट अनुदान के आवेदन की अपलोडिंग थमा दी गई है। सरकारी लॉगिन से दलालों की ओर से आवेदन अपलोड होने से विभाग में हड़कंप मच गया है। जिला कृषि पदाधिकारी (डीईओ) डॉ. केके वर्मा ने दोनों मामलों में संबंधित कर्मचारी से स्पष्टीकरण की मांग की है।
जिले के कटरा प्रखंड की एक पंचायत में अनुदान के लिए एक ही खेत में 12 किसानों को खड़ा कर अलग-अलग एंगल से फोटो अपलोड कर दिया गया है। कृषि समन्वयक मुरारी शाही ने यह कारनामा किया है। पंचायत के शशिकांत साह, नीरज कुमार, अखिलेश्वर प्रसाद सिंह, मनीष कुमार, मिथिलेश देवी, सुजाता देवी, अब्दुल गफ्फार, दयाशंकर सिंह, अनंत कुमार, विपीन साह, विमल सिन्हा व विमल कुमार को एक ही खेत में खड़ा कर उसे उनका खेत बता दिया। इतना ही नहीं इन सभी की जमीन का रकबा अलग-अलग बताया गया। इन सभी को 10 हजार से 51 हजार तक अनुदान देने की अनुशंसा कर दी गई है। जिला स्तर पर हुई मॉनिटरिंग में कृषि समन्वयक मुरारी शाही का कारनामा पकड़ में आने के बाद डीईओ ने उनसे स्पष्टीकरण की मांग की है।
दलालों को दे दी गई सरकारी लॉगिन व आईडी
वहीं, पारू प्रखंड में अलग तरह की गड़बड़ी पकड़ में आई है। चोचाही छपरा के किसान सलाहकार अरुण कुमार ने इनपुट अनुदान के लिए सरकारी लॉगिन आईडी को ही दलालों के सुपूर्द कर दिया। यहां सरकारी कर्मचारी की बजाये बाहरी लोग किसानों के आवेदन को सरकारी मेल पर अपलोड करते पकड़े गए हैं। इस मामले में भी डीईओ ने किसान सलाहकार से स्पष्टीकरण की मांग की है। दोनों मामला पकड़ में आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा है।
किसान सलाहकार व कृषि समन्वयक के खिलाफ मिली शिकायत गंभीर हैं। उनके स्पष्टीकरण के बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी। यदि उन्हें दोषी पाया जाता है, तो निदेशक को लिखा जाएगा।
-सुरेंद्र नाथ, संयुक्त कृषि निदेशक