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प्रदूषण के रेड जोन में बिहार का यह शहर, NGT मानकों का पालन नहीं; IIT दिल्ली को सर्वे का जिम्मा

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनकैप) को लेकर हुई बैठक के बाद अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषण से जुड़े पहलुओं को खंगालने के बाद आईआईटी की टीम अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन व नगर निगम को देगी। इसमें नियंत्रण से जुड़े सुझाव भी दिए जाएंगे। रिपोर्ट के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण की योजना पर अमल किया जाएगा।

Sudhir Kumar लाइव हिन्दुस्तानFri, 13 Sep 2024 05:15 AM
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बिहार का मुजफ्फरपुर स्मार्ट सिटी घो शहर के लिए नासूर बनी वायु प्रदूषण की समस्या का सर्वे होगा। आईआईटी दिल्ली की टीम को यह जिम्मेवारी दी गई है। सर्वेक्षण की अवधि एक से डेढ़ वर्ष तक होगी। इसमें निगम क्षेत्र के सभी 49 वार्डों की पड़ताल होगी कि कहां किस तरह का प्रदूषण है। किन-किन कारणों से समस्या बढ़ रही है। प्रदूषण वाले स्पॉट की पहचान करने के साथ उसके स्रोत का भी पता लगाया जाएगा।

कलेक्ट्रेट सभागार में गुरुवार को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (एनकैप) को लेकर हुई बैठक के बाद अधिकारियों ने बताया कि प्रदूषण से जुड़े पहलुओं को खंगालने के बाद आईआईटी की टीम अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन व नगर निगम को देगी। इसमें नियंत्रण से जुड़े सुझाव भी दिए जाएंगे। फिर रिपोर्ट के आधार पर प्रदूषण नियंत्रण की कार्ययोजना बनाकर अमल किया जाएगा।

बीते 24 घंटे में एक्यूआई

इलाका अधिकतम न्यूनतम

एमआईटी 500 303

कलेक्ट्रेट 303 8

बुद्धा कॉलोनी 41 3

रेड जोन में अधिकतर इलाके

मुजफ्फरपुर शहर में बीते 10 दिनों से वायु प्रदूषण की समस्या बरकरार है। गुरुवार को अधिकतर इलाके रेड जोन में रहे। सबसे बुरा हाल एमआईटी/दाउदपुर कोठी इलाके में रहा। वहां एक्यूआई का मीटर अपने अधिकतम स्तर 500 पर पहुंच गया। कलेक्ट्रेट इलाके में भी एक्यूआई 300 से ऊपर दर्ज किया गया। हालांकि बुद्धा कॉलोनी इलाका ग्रीन जोन में रहा।

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एनजीटी के मानकों का नहीं हो रहा पालन

निर्माण कार्यों में एनजीटी के मानकों के उल्लंघन के साथ ही भौगोलिक परिस्थितियों के कारण भी यहां वायु प्रदूषण की समस्या विकराल है। निर्माण स्थलों पर कायदे से ग्रीन कवर घेराबंदी या पानी का छिड़काव नहीं हो रहा है। वार्ड पार्षद संजय केजरीवाल के मुताबिक स्मार्ट सिटी का काम शुरू होने के बाद शहर में प्रदूषण की समस्या बेकाबू हो गई है।

स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में शहर को मिली है 34वीं रैंक

शहर की हवा में धूल-कण की मात्रा खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है। बारिश के मौसम में भी एक्यूआई कई इलाके रेड जोन में पहुंच जा रहा है। विशेषकर जाड़े में प्रदूषण की स्थिति गंभीर हो जाती है। दो साल पहले हुए सर्वे में विश्व के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में मुजफ्फरपुर 20वें स्थान पर था। हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर हुए स्वच्छ वायु सर्वेक्षण में देश के 43 शहरों (तीन से 10 लाख आबादी वाले) के बीच मुजफ्फरपुर को 34वीं रैंक मिली है। सर्वेक्षण उन शहरों में किया गया, जिन्हें प्रदूषण नियंत्रण के लिए एनकैप फंड मिलता है।

क्या कहते हैं नगर आयुक्त?

शहर में प्रदूषण का आईआईटी दिल्ली की टीम सर्वे करेगी। प्रदूषण के कारण, स्रोत आदि का अध्ययन कर आईआईटी के विशेषज्ञ रिपोर्ट देंगे। उसके आधार पर नियंत्रण से जुड़ी योजना बनाकर अमल किया जाएगा। - विक्रम विरकर, नगर आयुक्त।

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