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खरपतवार से धान की फसल होती प्रभावित

पौधा संरक्षण विभाग, मुंगेर के सहायक निदेशक अवधेश प्रसाद गुप्ता ने सोमवार को जिले के किसानों के धान के फसल के लिए सलाह जारी की है। इस संबंध में पौधा संरक्षण पर्यवेक्षक बसंत नारायण सिंह ने बताया कि,...

खरपतवार से धान की फसल होती प्रभावित
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरMon, 20 Jul 2020 11:46 PM
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पौधा संरक्षण विभाग, मुंगेर के सहायक निदेशक अवधेश प्रसाद गुप्ता ने सोमवार को जिले के किसानों के धान के फसल के लिए सलाह जारी की है। इस संबंध में पौधा संरक्षण पर्यवेक्षक बसंत नारायण सिंह ने बताया कि, धान में उगने वाले खरपतवार के कारण 33% तक उपज कम हो सकती है।

अत: खरपतवारों का नियंत्रण आवश्यक है। इसी को ध्यान में रखकर सलाह जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि, खरपतवार के नियंत्रण के लिए यांत्रिक-विधि एवं हाथ से निकाई- कोड़ाई की विधि पर काफी प्रभावित पाया गया है। धान में खरपतवार नियंत्रण के लिए दो निकाई-गुड़ाई करना चाहिए। पहली निकाई-कोड़ाई रोपाई के 20- 25 दिन बाद एवं दूसरी 40- 45 दिन बाद करनी चाहिए। कितु, बढ़ती मजदूरी, मजदूरों के अभाव एवं कभी-कभी अत्यधिक वर्षा से खेतों में नमी की अधिकता के चलते निकाई- कोड़ाई की उपर्युक्त विधि अब उपयुक्त नहीं रह गयी है। इसके जगह किसान रासायनिक विधि अपनाकर पैसे एवं समय का बचत कर सकते हैं।

घास, मोथा एवं चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार के लिए किसान रोपाई के 3-4 दिन बाद पेन्डीमेथलीन 30% ईसी 1-1.5 ली/ हेक्टर या प्रेटिलाक्लोर 1 ली/ हे. की दर से प्रयोग कर सकते हैं। संकरी पत्ती वाले खरपतवार के नियंत्रण के लिए रोपाई के 20- 25 दिन बाद फेनाफ्जाप्राप इथाइल 60-70 ग्राम/हेक्टर की दर से प्रयोग करना चाहिए।

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