मुंगेर | नगर संवाददाता
मुंगेर में शुक्रवार को नव प्रोन्नत डीआईजी मो. शफीउल हक ने डीआईजी मनु महाराज से प्रभार ग्रहण किया। एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों सहित कई वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।
राज्य सरकार में गुरुवार की देर रात को भारतीय पुलिस सेवा के 38 अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इनमें नव प्रोन्नत पुलिस उपमहानिरीक्षक बिहार सैन्य पुलिस-06 मुजफ्फरपुर के समादेष्टा मो. शफीउल हक को मुंगेर क्षेत्र का पुलिस उपमहानिरीक्षक
नियुक्त किया गया। नव पदस्थापित डीआईजी के सामने कई चुनौतियां होंगी। इसमें मुंगेर गोलीकांड की निष्पक्ष जांच, नक्सलवाद पर अंकुश लगाना और एके-47 की बरामदगी एवं उसके कार्रवाई को आगे बढ़ाना शामिल है। इस दौरान डीआईजी को गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।
डीआईजी के सामने होंगी कई चुनौतियां : मुंगेर के नव पदस्थापित डीआईजी के सामने कई चुनौतियां होने वाली है। इसमें सबसे प्रमुख है, मुंगेर गोलीकांड। इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष पुलिसकर्मी सहित सीआईएसएफ जवान पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके साथ ही अन्य लोगों पर भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले की निष्पक्ष जांच करना डीआईजी के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। इसके साथ ही मुंगेर प्रक्षेत्र के लखीसराय, जमुई और मुंगेर में नक्सलवाद की समस्या पर अंकुश लगाना। इसके साथ ही नक्सलियों के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना भी डीआईजी के लिए चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। इसके अलावा मुंगेर में बरामद एके-47 भी डीआईजी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित होने वाला है।
मनु महाराज को मिली थी कई सफलता : मुंगेर के डीआईजी मनु महाराज को अपने कार्यकाल के दौरान काफी सफलता मिली थी। इस दौरान जहां डीआईजी ने नक्सलवाद पर अंकुश लगाने में कामयाब रहे थे। इसके साथ ही नक्सलियों द्वारा दिए गए कई घटनाओं का मॉनिटरिंग करते हुए खुलासा किया था। इतना ही नहीं उनके कार्यकाल में कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है। डीआईजी के द्वारा मुंगेर में 29 राइफल को एक साथ बरामद किया गया था। इसके अलावा डीआईजी के द्वारा अपराधियों और नक्सलियों पर भी कार्रवाई की गई थी।