स्नेहा कांड: पुलिस व प्रदर्शनकारी में तीखी नोकझोंक
सिपाही स्नेहा की संदिग्ध स्थिति में मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति ने शनिवार को रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के लिए जाने के दौरान प्रदर्शकारियों से पुलिस...
सिपाही स्नेहा की संदिग्ध स्थिति में मौत की सीबीआई जांच की मांग को लेकर सर्वदलीय संघर्ष समिति ने शनिवार को रोषपूर्ण प्रदर्शन किया। कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन के लिए जाने के दौरान प्रदर्शकारियों से पुलिस की तीखी नोकझोंक हुई। प्रदर्शनकारियों ने पूरबसराय में गिरफ्तारी दी।
मंुगेर स्टेशन के पास आक्रोश मार्च के लिए लोगों आते देखते ही पुलिस हरकत में आ गई। आक्रोश मार्च दो सौ मीटर भी नहीं गया कि पूरबसराय में पुलिस ने आगे बढ़ने से रोक दिया। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से जमकर नोकझोंक हुई। पुलिस प्रशासन के समझाने के बाद लगभग दो सौ प्रदर्शकारियों ने गिरफ्तारियां दी। प्रदर्शकारियों को मुफस्सिल थाना में देर शाम तक रखा गया।
आक्रोश मार्च का नेतृत्व माले के दशरथ सिंह, सपा के पप्पू यादव, सीपीआई के दिलीप , एसयूसीआई के कृष्णदेव साह, जनतांत्रिक विकास पार्टी के सुखदेव यादव कर रहे थे। मौके पर समिति के संयोजक पप्पू यादव ने कहा कि स्नेहा प्रकरण पर प्रशासन की दमनकारी नीतियों से शासन व प्रशासन कटघरे में आ गया है। प्रशासन चाहे जितनी दमनकारी नीति अपना ले, उनलोगों का आंदोलन न केवल जारी रहेगा बल्कि और तेज किया जाएगा।
सीपीआई के जिला सचिव दिलीप कुमार ने कहा कि स्नेहा का मामला प्रदेश स्तर पर उठाया जाएगा। माले नेता दशरथ सिंह तथा एसयूसीआई के कृष्णदेव साह ने कहा कि पूरे बिहार में पुलिस की दमनकारी नीतियों के कारण हर वर्ग त्रस्त है। स्नेहा भी पुलिस की इसी दमनकारी नीतियों की शिकार हुई है। इस अवसर पर आप जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह, रालोसपा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कुशवाहा, जनतांत्रिक पार्टी के सुखदेव यादव, हम के जिलाध्यक्ष मुकेश मांझी आदि ने भी प्रशासन की आलोचना की। मार्च में माले के विनय कुमार सिंह, एनसीपी के नौशाद आलम उस्मानी, सपा के विद्याकिशोर, रामनाथ राय, मिथलेश यादव, सीपीआई के संजीवन सिंह, विजय रजक, बच्चू राय चन्द्रवंशी, लखन यादव, रवि मंडल, विकास आर्य, मनोज क्रांति, कुमार प्रभाकर, रविन्द्र यादव, शंभू कुमार दास, अमरशक्ति, मनीष यादव, कृष्णा आजाद, जयकिशोर यादव आदि थे।