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बकरीद पर बांटी खुशियां, सजदे में झुके सिर

जिले के मुस्लिम समाजजनों द्वारा सोमवार को बकरीद उत्साह और उमंग के साथ मनाई गयी। सुबह ईदगाह पर नमाज अदा कर देश में शांति और अमन के लिए दुआ की। इसके बाद शहर की विभिन्न मस्जिदों पर नमाज अदा करने का...

बकरीद पर बांटी खुशियां, सजदे में झुके सिर
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरTue, 13 Aug 2019 12:48 AM
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जिले के मुस्लिम समाजजनों द्वारा सोमवार को बकरीद उत्साह और उमंग के साथ मनाई गयी। सुबह ईदगाह पर नमाज अदा कर देश में शांति और अमन के लिए दुआ की। इसके बाद शहर की विभिन्न मस्जिदों पर नमाज अदा करने का सिलसिला जारी रहा।

मुस्लिम समाजजनों ने घरों व अन्य बंद स्थानों पर बकरे की कुर्बानी भी दी। जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने ईदगाह पर पहुंचकर मुस्लिम समाजजनों को ईद की बधाईयां दी। खासकर मुंगेर शहर का जामा मस्जिद, खानकाह, फोर्ट एरिया, बेलन बाजार, बेकापुर, नीलम चौक, शाहजुबेर रोड, कौड़ा मैदान में बड़ी संख्या में लोगों ने बकरीद की नमाज पढ़ी। इसके बाद गले मिलकर दूसरे को मुबारक बाद दी।

बच्चों में ईद को लेकर खास उत्साह नजर आया। इस्लाम धर्म में इस त्योहार का बहुत महत्व है। बकरीद त्योहार हर साल इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार जु अल-हज्जा महीने के 10वें दिन मनाया जाता है। इसे मुसलमानों के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक माना जाता है।

जमालपुर के ईदगाह मैदान में सदर बाजार मस्जिद के इमाम मो. मोजाहिद ने सुबह 7 बजे की जगह 7.30 बजे नमाज पढ़ायी, जबकि वलीपुर मस्जिद में इमाम मो. फैयाज आलम रशिदी के नेतृत्व में 7.30 की जगह 7.35 में नमाज अदा की गई।

इससे पूर्व ईदगाह में तकरीर करते हुए इमाम मो. मोजाहिद ने कहा खुदा से बेपनाह मोहब्बत करने का हक दुनिया के हर इंसान को है। अपनी बेपनाही मोहब्बत का इजहारें बयान खुदा की हुक्मों पर चलने से ही होता है। बकरीद इसी मोहब्बत का एक तोहफा है, जिसके जरिये बंदे न सिर्फ सबाब कमाते है, बल्कि अपनी इबादत पर भी खड़े उतरते है। बकरीद त्याग और बलिदान का दिन है।

मो. फैयाज आलम रशिदी ने कहा कि विभिन्न धर्मालंबियों के बीच भाईचारगी, प्रेम, और शांति की डोर ईद और बकरीद होती है। बकरा का ईद यानी बकरीद मनाना धर्म की रक्षा भी है।

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