जिले के पठारी क्षेत्र में मछली पालन को दिया जा रहा बढ़ावा
मुंगेर जिले में मछली उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। पठारी क्षेत्र में 8 तालाबों का निर्माण कर मछली पालन शुरू किया गया है। अगले वित्तीय वर्ष में 13 नए तालाबों की...

मुंगेर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। मछली उत्पादन के क्षेत्र में जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजना चलायी जा रही है। पठारी क्षेत्र में भी मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 में पठारी क्षेत्र में 8 स्थानों पर तालाब निर्माण कराकर मछली पालन शुरू कराया गया। साथ ही इस वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 13 और तालाब निर्माण की स्वीकृति दी गई है। पठारी बाहुल्य जिलों में तालाब निर्माण एवं संबंधित सहायक इकाइयों की स्थापना कर मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार की ओर से पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन की योजना शुरू की गई है। बिहार के 8 पठारी बाहुल्य जिलों में मुंगेर का भी चयन किया गया है।
पठारी क्षेत्र तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन योजना अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के मत्स्य कृषकों के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत मंुगेर जिले के हवेली खड़गपुर, तारापुर, धरहरा एवं बरियारपुर क्षेत्र का चयन किया गया है। योजना के तहत लाभुकों को 80 प्रतिशत अनुदान देने का प्रवधान है। संबद्ध इकाई में हाफ एकड़ में तालाब निर्माण के साथ ट्यूबवेल, सोलर पंपसेट, तालाब के पास शेड को शामिल गया है। इस योजना से पठारी क्षेत्र में मछली पालन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही मछली उत्पादन के मामले में जिला आत्मनिर्भर हो सकेगा।
205 सरकारी जलकर में मछली उत्पादन: मछली उत्पादन के क्षेत्र में जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभागीय स्तर पर कई योजनाएं संचालित की जा रही है। 205 सरकारी जलकर (तालाब) करीब 45 सौ जल क्षेत्र में मछली उत्पादन के साथ ही बायोफ्लॉक तकनीक से भी टैंक में मछली पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले में तीन जगहों मंझगांय, संग्रामपुर एवं हेमजापुर में बायोफ्लॉक तकनीक से मछली उत्पादन किया जा रहा है। इसके अलावा पुराने तालाब के जीर्णोद्धार की योजना भी चलायी जा रही है।
12.12 हजार टन मछली उत्पादन का लक्ष्य: जिले में मत्स्य विभाग की ओर से इस वित्तीय वर्ष 2024-25 में 12.12 हजार टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसमें अबतक 8.5 हजार टन ही मछली का उत्पादन हो पाया है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि मार्च तक लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा।
आंध्र प्रदेश से मंगाए जा रहे रोज 200 टन मछली: सरकारी स्तर पर 12.12 हजार टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन इससे कहीं अधिक खपत है। मांग को पूरा करने के लिए मछली आंध्र प्रदेश के अलावा पश्चिम बंगाल एवं बिहार के दूसरे जिले से भी निजी तौर पर मंगाए जा रहे हैं।
बोले अधिकारी
मछली पालन के क्षेत्र में जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजना चलायी जा रही है। पठारी क्षेत्र में भी तालाब निर्माण आधारित मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। पठारी क्षेत्र के आठ तालाब में मछली पालन शुरू हो गया है। नए साल में 13 और तालाब का निर्माण कराया जाएगा। इस वित्तीय वर्ष में जिले में 12.12 हजार टन मछली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
मनीष रस्तोगी
जिला मत्स्य पालन पदाधिकारी, मुंगेर
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