मुंगेर | निज प्रतिनिधि
मार्च महीने से कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए देश भर में लॉकडाउन लगाने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 14 मार्च से ही लॉकडाउन लगाने कि घोषणा कर दी। कोरोना संक्रमण के शुरुआती दिनों में ही मुंगेर जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज मिलने शुरू हो गए थे।
इसको लेकर जिले भर में पूरे सख्ती के साथ लॉकडाउन लगाया गया था। इस दौरान विभिन्न अस्पतालों में कोरोना मरीजों की सेवा के लिए अपनी जान की परवाह न करते हुए कोरोना योद्धा के रूप में डॉक्टर, नर्स, पैथोलॉजी के डॉक्टर एवं अन्य स्टाफ, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका सहित सभी स्वास्थ्य कर्मी सदैव तैयार रहे।
जिले में 97 प्रतिशत बढ़ा रिकवरी रेट: कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए जिले में 8 कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाए गए हैं। कोरोना मरीजों एवं अन्य लोगों की सुविधा के लिए जिला मुख्यालय में स्थापित जिला नियंत्रण कक्ष के नोडल अधिकारी डॉ. निरंजन कुमार ने बताया कि जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने के साथ ही सदर हॉस्पिटल मुंगेर सहित जिले के विभिन्न पीएचसी सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य कर्मियों को अलर्ट मोड़ में तैनात किया गया। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान के लिए आरटीपीसीआर जांच के लिए सैम्पल लेने के बाद उसे भागलपुर भेजा जाने लगा।
इसके बाद सदर हॉस्पिटल सहित अन्य प्रमुख सेंटरों पर युद्धस्तर पर ट्रू नेट और रैपिड एंटीजन तरीके से कोरोना जांच किया जाने लगा। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में जिले के स्वास्थ्य कर्मियों ने एक योद्धा के तरह काम करते हुए अपने जान की भी परवाह नहीं की। उन्होंने बताया कि जिले भर में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 8 कोविड डेडिकेटेड हॉस्पिटल बनाए गए हैं। जिले में अभी कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने का दर 1.7% और रिकवरी दर लगभग 97% है।