अस्तित्व खोता जा रहा राजारानी तालाब
जल-जीवन-हरियाली योजना को लेकर मुख्यमंत्री मुंगेर आ रहे हैं। जिले के कुछ प्रमुख तालाब, आहर और कुआं जिसका रखरखाव नहीं हो रहा था या अतिक्रमित था उसका कायाकल्प किया जा रहा...
जल-जीवन-हरियाली योजना को लेकर मुख्यमंत्री मुंगेर आ रहे हैं। जिले के कुछ प्रमुख तालाब, आहर और कुआं जिसका रखरखाव नहीं हो रहा था या अतिक्रमित था उसका कायाकल्प किया जा रहा है।
लेकिन हवेली खड़गपुर प्रखंड के खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग स्थित कई एकड़ में फैले ऐतिहासिक राजारानी तालाब जो जल संरक्षण का सबसे बड़ा माध्यम है उसके कायाकल्प पर नुमाइंदे का ध्यान नहीं गया है। इस तालाब के भू-भाग का अतिक्रमण किया जा रहा है, जिससे राजारानी तालाब का दायरा जहां सिमटता जा रहा है, वहीं इसके अस्तित्व पर भी संकट आ गया है।
लोगों को जल जीवन हरियाली योजना के क्रियान्वयन से इस तालाब के संरक्षित होने की थोड़ी आस जरूर जगी है। जल संरक्षण का सबसे बड़ा माध्यम रहे इस तालाब की स्थिति दयनीय होती जा रही है। इसके ऐतिहासिक अस्तित्व पर भी संकट आ गया है। लेकिन खड़गपुर के इस राजा रानी तालाब का जीर्णोद्धार नहीं हो पाया है। अब जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जल-जीवन-हरियाली योजना ने बिहार के कई हिस्सों में रफ्तार पकड़ी है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि हवेली खड़गपुर का राजारानी तालाब का भी जीर्णोद्धार हो पाएगा। संग्राम सिंह जमींदार राजा माने जाते थे। महारानी चन्द्रज्योति रानी ज्योतिर्मयी के स्नान के लिये संग्राम सिंह ने राजारानी तालाब का निर्माण कराया था। उनके साथ दाईयों के लिये अलग से इस तालाब से कुछ किलोमीटर की दूरी पर(दाई पोखर) धाय पोखर का निर्माण कराया गया था।
यह तालाब राजारानी के स्नान के साथ आसपास के भूगर्भ के जलस्तर को बनाए रखता था। लेकिन संरक्षण के अभाव में इसकी स्थिति काफी दयनीय होती जा रही है।