जिले में दर्जनों नक्सली कांडों को अंजाम देने वाले नक्सलियों पर जिला पुलिस ने इनाम घोषित किया है। इसके बावजूद पुलिस इन नक्सलियों को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। जिला पुलिस ने जिले के तीन नक्सलियों पर इनाम घोषित किया है। इसके बाद भी पुलिस उन्हें गिरफ्तारी करने में असफल रही है। इनमें कई नक्सली पर पहले से इनाम घोषित है। गिरफ्तारी नहीं होने पर इनाम की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है। मोस्ट वांटेड नक्सलियों के पीछे सीआरपीएफ, एसएसबी, एसटीएफ और जिला पुलिस के जवान लगे हैं। लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो रही है। इनमें से कोई 12 और कोई 10 मामले में फरार चल रहा है। इस कारण नक्सली समय-समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में घूम-घूम कर संगठन को मजबूत करने में लगे हैं।
जिले के तीन हार्डकोर नक्सलियों पर है इनाम : जिले में तीन हार्डकोर नक्सली हैं जिनपर एक लाख का इनाम घोषित है। इनमें पहला नाम नागेश्वर कोड़ा का है, जो धरहरा थाना क्षेत्र के जटकुटिया का रहने वाला है। इस पर 13 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं। दूसरा नाम गोपाल दास का है, जो हवेली खड़गपुर थाना क्षेत्र के गोबड्डा गांव का रहने वाला है। यह हार्डकोर नक्सली और कमांडर है। इस पर नक्सल वारदात के 05 मामले दर्ज हैं। तीसरा नाम सुरेश कोड़ा का है, जो लंबे समय से फरार चल रहा है। इस पर मुंगेर, लखीसराय, जमुई एवं झारखंड में 10 से अधिक मामले दर्ज हैं। ये सभी नक्सली वर्षों से फरार चल रहें हैं।
टॉप नक्सलियों की संपत्ति हो सकती जब्त : सूत्रों की मानें तो पुलिस फरार चल रहे टॉप नक्सलियों की अवैध कमाई से खड़ी की गई संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई कर सकती है। ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों के अनुसार 25 यूएपीए (अन लॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट) के तहत राज्य सरकार को संपत्ति जब्त करने की शक्ति है। वहीं प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉ्ड्रिरंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत संपत्ति जब्त करने का अधिकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को है। दोनों ही कानून के तहत नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही चार-पांच नक्सलियों की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई हो सकती है।