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प्लेग्राउंड बदहाल, विवि खिलाड़ी कैसे जीतेंगे पदक

द्यालय के किसी भी कॉलेज में नहीं है समुचित खेल की सुविधा किसी भी कॉलेज में ना तो इंडोर गेम के लिए कोई सुविधा ना ही विकसित मैदान कॉलेजों को अपना...

हिन्दुस्तान, मुंगेर
Sun, 5 Aug 2024, 02:16:AM
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मुंगेर, एक संवाददाता।
मुंगेर विश्वविद्यालय की स्थापना के 5 वर्ष बीतने के बाद भी आज तक इसके किसी भी कॉलेज में समुचित खेल सुविधा का विकास नहीं हो सका है। विश्वविद्यालय के किसी भी कॉलेज में ना तो इंडोर गेम के लिए कोई सुविधा है, और ना ही आउटडोर के लिए विकसित मैदान। कॉलेजों को अपना मैदान रहने के बावजूद आज तक उनका विकास नहीं हो सका। वास्तविकता यह है कि, कॉलेजों में खेल सुविधाओं के विकास पर विश्वविद्यालय द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कॉलेजों के मैदान असुरक्षित हैं। इनकी आज तक घेराबंदी नहीं हो पाई है। जिस कॉलेज का मैदान कॉलेज परिसर में ही है और बाहरी तत्वों से सुरक्षित है, उसकी भी आज स्थिति अच्छी नहीं है। अधिकांश मैदान पूरी तरह से उबड़- खाबड़ हैं और खेलने लायक नहीं हैं। ऐसे में खेल सुविधाओं के अभाव में विश्वविद्यालय के कॉलेजों की खेल प्रतिभाएं आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। कॉलेज में समुचित खेल सुविधा नहीं है तो मुंगेर विश्वविद्यालय के कॉलेज के छात्र कैसे पदक जीतेंगे आज यह एक बड़ा सवाल बन कर रह गया है।

विवि के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज के मैदान की भी हालत बनी दयनीय:

मुंगेर विश्वविद्यालय के कॉलेजों के मैदान की क्या स्थिति है यह विश्वविद्यालय के सबसे प्रतिष्ठित कॉलेज आरडी एंड डीजे कॉलेज के मैदानों को देखकर आसानी से जाना जा सकता है। कभी कॉलेज का अपना दो मैदान हुआ करता था। इनमें से एक कॉलेज परिसर में ऑडिटोरियम हॉल के सामने स्थित है। यहां वर्ष- 1960 में कॉलेज के हीरक जयंती के अवसर पर एक मंच बनाया गया था जो आज राजेंद्र मंच के नाम से जाना जाता है। इस मंच से हीरक जयंती के मौके पर देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद, बिहार के प्रथम राज्यपाल डॉ जाकिर हुसैन एवं बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया था। उस समय कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य अचार्य कपिल थे। उस समय एवं उसके बहुत बाद तक उस मैदान में कॉलेज की छात्र- छात्राएं विभिन्न तरह के खेल खेलते थे।

वहीं, कॉलेज का दूसरा मैदान 5 नंबर रेलवे गुमटी के पास स्थित है। यह मैदान पूरी तरह से असुरक्षित है। मैदान की घेराबंदी आज तक नहीं हो पाई है। इसके साथ ही आज मैदान की की हालत लंबे समय से दयनीय बनी हुई है। लेकिन विश्वविद्यालय के नाक के नीचे रहने के बावजूद विश्वविद्यालय द्वारा इसके विकास आज तक कुछ भी नहीं किया गया है।

कहते हैं छात्र खिलाड़ी:

आरडी एंड डीजे कॉलेज के छात्र सह फुटबॉल खिलाड़ी कमलेश कुमार तथा मो फैजल एवं बैडमिंटन खिलाड़ी मोहित कुमार तथा विशाल कुमार ने कॉलेज में विभिन्न खेलों से संबंधित सुविधाओं के संबंध में कहा कि, यहां कोई भी मौलिक सुविधा नहीं है। ना तो इंडोर गेम के लिए कोई सुविधा है और ना ही किसी भी आउटडोर गेम के लिए कॉलेज के मैदान की स्थिति अच्छी है। वर्तमान प्राचार्य प्रो प्रभात कुमार खिलाड़ियों को अपने स्तर से प्रोत्साहित करते हैं एवं कई सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं। लेकिन, मूल चीज, विकसित खेल के मैदान का अभाव है। हम लोग अपने स्तर से ही खेल की तैयारी करते हैं।

कहते हैं कुलसचिव:

विश्वविद्यालय के कॉलेजों में आउटडोर गेम के साथ-साथ इंडोर गेम के लिए भी सुविधा अवश्य होनी चाहिए। विश्वविद्यालय के किसी भी कॉलेज में समुचित एवं विकसित खेल सुविधा नहीं है। विश्वविद्यालय एकदम नया है। दुर्भाग्य विश्वविद्यालय के द्वारा कॉलेजों में खेल सुविधाओं के विकास पर अब तक ध्यान नहीं दिया जा सका है। जल्द ही मैदानों के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

-- कर्नल विजय कुमार ठाकुर, कुलसचिव,

मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर

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