मरीज छोटी-मोटी बीमारियों का नहीं करवा पा रहे इलाज
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को ध्यान में रखकर न सिर्फ मुंगेर, बल्कि पूरे राज्य में ओपीडी सेवा बंद कर दी गयी है। जिसके कारण सामान्य मरीज अपने छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं।...

कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम को ध्यान में रखकर न सिर्फ मुंगेर, बल्कि पूरे राज्य में ओपीडी सेवा बंद कर दी गयी है। जिसके कारण सामान्य मरीज अपने छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। ऐसे मरीजों का मानना है कि छोटी बीमारी का भी समय पर उपचार नहीं किया गया तो उसे गंभीर रूप धारण करते देर नहीं लगेगी। वहीं इस लॉकडाउन के दौरान कई लोग आवश्यक दवाएं भी नहीं खरीद पा रहे हैं।
सामान्य बीमारियों का नहीं हो पा रहा इलाज
पिछले सात दिनों से जारी लॉकडाउन के दौरान लोगों को आवश्यक सेवा में भी खासे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिले भर में सभी आउटडोर सेवा बंद रहने के कारण लोग सामान्य बीमारियों का इलाज नहीं करवा पा रहे हैं। खासकर डायब्ीटीज तथा ब्लडप्रेशर के मरीज अपना नियमित जांच नहीं करवा पा रहे हैं। इतना ही नहीं ऐसे मरीजों को अपनी दवा मंगवाने में भी भारी परेशानी हो रही है।
सामान्य बीमारी को गंभीर होते नहीं लगेगी देर
मालूम हो कि कोई भी बीमारी जिस वक्त छोटी हो, उसी वक्त उसका इलाज करवा लेना बेहतर होता है। किसी भी बीमारी के इलाज में देरी होने से वह गंभीर हो जाती है। जिससे संबंधित मरीजों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। ऐसे में सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोई वैकल्पिक व्यवस्था होनी चाहिए या फिर मोबाइल एम्बुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए, जो अलग-अलग क्षेत्रों में घूम-घूम कर मरीजों का इलाज कर सके।
दवा खरीदने में भी हो रही परेशानी
लॉकडाउन के दौरान न सिर्फ सामान्य मरीजों को इलाज कराने में परेशानी हो रही है, बल्कि दवा खरीदने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। चाह कर भी लोग दवा खरीदने के लिए अपने घरों से बाहर नहीं निकलना चाह रहें हैं, क्योंकि बाहर निकलने के बाद जैसे ही उसकी मुलाकात पुलिस कर्मियों से होती है, वैसे ही उस पर डंडे बरसने शुरु हो जाते हैं। हालांकि हर जगह ऐसी स्थिति नहीं हैं। बावजूद लोग आवश्यक कार्य के लिए भी बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं।
