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सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट हुआ बंद, पहुंची इंजीनियरों की टीम

मुंगेर। निज प्रतिनिधि सदर अस्पताल में बनाये गये एक हजार एमएलटी ऑक्सीजन प्लांट की...

सदर अस्पताल का ऑक्सीजन प्लांट हुआ बंद, पहुंची इंजीनियरों की टीम
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरFri, 21 Jan 2022 04:02 AM
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मुंगेर। निज प्रतिनिधि

सदर अस्पताल में बनाये गये एक हजार एमएलटी ऑक्सीजन प्लांट की पियूरिफिकेशन की क्षमता पिछले कुछ दिनों से कम होने के कारण बंद पड़ा हुआ है। जिसे ठीक करने के लिए गुरुवार को संबंधित कंपनी के इंजीनियर सदर अस्पताल पहुंचे। जहां मशीन को ठीक किया जा रहा है। हलांकि ऑक्सीजन प्लांट से 100 बेड तक पाइपलाइन बिछाने का कार्य भी अब तक आधा-अधूरा है। जिसके कारण ऑक्सीजन प्लांट के ठीक होने के बाद भी मरीजों को बेड तक पाइपलाइन के सहारे ऑक्सीजन पहुंचने में अभी विलंब हो सकता है।

पांच दिनों से बंद पड़ा था ऑक्सीजन प्लांट:

सदर अस्पताल में डीआरडीओ द्वारा प्रधानमंत्री केयर फंड से एक हजार एमएलटी का ऑक्सीजन प्लांट बनाया गया है। जिसे एनएचआई की देखरेख में मुंगेर रेल सह सड़क पुल निर्माण करने वाली एजेंसी सिंधला द्वारा बनाया गया है। ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कार्य सितंबर 2021 में पूर्ण किया गया था। जहां एल एंड टी कंपनी का ऑक्सीजन बनाने वाली मशीन अधिष्ठापित की गयी है। जिसका उद्धाटन अक्टूबर में प्रधानमंत्री द्वारा ऑनलाइन किया गया था।

लेकिन बीते 5 दिनों से यह ऑक्सीजन प्लांट तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़ा था। जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा डीआरडीओ को दी गई थी। जिसके बाद गुरुवार को एल एंड टी कंपनी के सर्विस इंजीनियर विकास कुमार सदर अस्पताल पहुंचे। जहां उनके द्वारा मशीन को ठीक किया जा रहा है।

ऑक्सीजन पियूरिफिकेशन की कम हो गयी थी क्षमता:

ऑक्सीजन प्लांट में लगे मशीन को ठीक करने पहुंचे सर्विस इंजीनियर विकास कुमार ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट में चार बड़े टैंक लगे हैं। जिसमें ऑक्सीजन का निर्माण होता है। वहीं इससे बनने वाले ऑक्सीजन की शुद्धता 90 प्रतिशत से अधिक होती है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से ऑक्सीजन की शुद्धता क्षमता घटकर 85 प्रतिशत हो गयी थी।

उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्यूरिफिकेशन इन बड़े टैंकों में डाले गए कैमिकल जियो लाइट और डेसिकेंट द्वारा होता है, जो काफी छोटे-छोटे कण होते हैं। ऑक्सीजन प्यूरिफिकेशन के दौरान ये कण टूट कर बारिक होते जाते हैं। जिससे ऑक्सीजन के प्यूरिफिकेशन की क्षमता घटने लगती है। उन्होंने बताया कि सभी टैंक से इन कैमिकल को निकालकर उसे साफ किया जा रहा है। वहीं जितने मात्रा में कैमिकल बारिक बने होंगे। उतने मात्रा में नए कैमिकल डाला जाएगा। जिसके बाद ऑक्सीजन प्यूरिफिकेशन पूरी तरह से होने लगेगा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार तक इसे पूरी तरह ठीक कर लिया जाएगा।

पाइपलाइन बिछाने का कार्य अब तक है अधूरा:

सदर अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट से सभी 100 बेड तक पाइपलाइन बिछाने का कार्य सिमन्स कंपनी को दिया गया है। लेकिन इस एजेंसी द्वारा कभी कार्य आरंभ किया जाता है तो कभी यूं ही बीच में कार्य को बंद कर दिया जाता है। हलांकि अस्पताल प्रबंधन और एजेंसी के अनुसार सभी वार्डों में पाइपलाइन बिछाने का कार्य पूरा कर लिया गया है। लेकिन वास्तविकता में यह कार्य अब तक अधूरा पड़ा है। इमरजेंसी वार्ड में कुल 6 बेडों में से अब तक केवल चार बेड पर ही पाइनलाइन से कनैक्शन दिया गया है। जबकि पुरुष मेडिकल वार्ड में 12 बेड में केवल 6 बेड पर ही कनक्शन दिया गया है। वहीं पुरूष सर्जिकल वार्ड में कुल 18 बेडों में से मात्र 9 बेडों पर ही कनेक्शन दिया गया है। जबकि इमरजेंसी वार्ड के पास बने वृद्धा वार्ड में अब तक पाइपलाइन भी नहीं बिछाया गया है।

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