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मालदा किऊल की लंबी दूरी की ट्रेनों की बढ़ेंगी रफ्तार

भारतीय रेलवे ने देश भर की ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को लेकर प्रयासरत है। घंटों ट्रेनों का परिचालन में सुधार के लिए अब रेलवे ने एक ट्रेन में दो दो इंजन लगाने पर विचार कर रही है। इसमें पूर्व रेलवे मालदा...

मालदा किऊल की लंबी दूरी की ट्रेनों की बढ़ेंगी रफ्तार
हिन्दुस्तान टीम,मुंगेरSat, 18 Jan 2020 11:55 PM
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भारतीय रेलवे ने देश भर की ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने को लेकर प्रयासरत है। घंटों ट्रेनों का परिचालन में सुधार के लिए अब रेलवे ने एक ट्रेन में दो दो इंजन लगाने पर विचार कर रही है। इसमें पूर्व रेलवे मालदा मंडल प्रशासन ने मालदा से किऊल तक के बीच चलने वाली लंबी दूरी की टे्रनों में पुल-पुश इंजन लगाने के लिए रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली को प्रस्ताव भेज दिया है।

अगर अनुमति मिली तो मालदा -किऊल रेलखंड की लंबी दूरी की स्पीड कम से कम 130 से शुरू होगी। हालांकि मालदा प्रशासन ने पटरी को भी हाई स्पीड के लायक बनाने में भिड़ा है। तथा सभी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजनों से लैस करने की कोशिश जारी रखा है। इस बावत पूर्व रेलवे कोलकाता के सीपीआरओ एनके चक्रवर्ती ने बताया कि पुल-पुश इंजन का उपयोग ज्यादातर हिल स्टेशनों के लिए किया जाता है। लेकिन समतल रेलखंडों पर उपयोग से निश्चित ही स्पीड बढ़ जाएगी। फिलहाल देश में चार हजार डीजल इंजन का उपयोग किया जा रहा है। इसके जगह पर जल्द ही इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनों का परिचालन किया जाना है। पुल-पुश के लिए रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली को प्रस्ताव भेजा गया है।

क्या है पुल-पुश इंजन सिस्टम

पुल-पुश के अर्थ ही होता है कि एक को खींचना है तो दूसरी को धक्का देना है। एक लंबी दूरी की ट्रेनों में दो डीजे जनरेट लगा रहता है, जो बोगियों में ऐसी, पंखा, व बिजली सप्लाई करती है। जबकि इलेक्ट्रिक इंजन ट्रेन की बोगियों को खींचता है। वर्तमान में 100 से 110 तक ही स्पीड पर टे्रन चल रही है। लेकिन पुल-पुश इंजन के बाद यह स्पीड कम से कम 130 से शुरू होगी। वैसे देशभर में बुलेट ट्रेन चलाने की ओर भी पुल-पुश इंजन सिस्टम आसान कर देगा।

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