
समाज में व्याप्त विसंगतियों पर मिश्र जी का सटीक प्रहार उन्हें समकालीन कवियों में श्रेष्ठ बनाता है: राजेश
संक्षेप: मुंगेर में जैन धर्मशाला के अहिंसा सभागार में महाकवि अवधभूषण मिश्र की 29वीं पुण्यतिथि पर काव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि साधना सिंह यादव ने कहा कि कवि की रचनाएं आज भी जीवित हैं। संगोष्ठी...
मुंगेर, एक संवाददाता। रविवार को जैन धर्मशाला के अहिंसा सभागार में महाकवि अवधभूषण मिश्र की 29 वीं पुण्यतिथि आयोजित की गई। साहित्य प्रहरी की ओर से आयोजित इस काव्य संगोष्ठी में मुख्य अतिथि जिला परिषद की अध्यक्षा साधना सिंह यादव ने कहा कि कवि अवध भूषण जी हम सबों के बीच नहीं हैं किंतु उनकी अनगिनत काव्य रचनाओं ने उन्हें हम सबों के बीच जिंदा रखा है। काव्य संगोष्ठी के पूर्व अल्प संख्यक आयोग के सदस्य एवं अवध भूषण मिश्र के शिष्य राजेश जैन ने उपस्थित कवियों का अंगवस्त्र से सम्मानित किया और कहा कि समाज में व्याप्त विसंगतियों पर मिश्र जी का सटीक प्रहार उन्हें समकालीन कवियों में श्रेष्ठ बनाता है।

काव्य गोष्ठी का संचालन डॉ हेमंत कुमार एवं कवि विजय गुप्त ने संयुक्त रूप से किया। अंगिका के प्रसिद्ध कवि विजेता मुद्गलपुरी ने फिर से एक घोटाला होगा लिख कर लेलो, फिर उनका मुंह काला होगा लिख कर ले लो सुना कर खूब तालियां बटोरी। गजलकार अनिरुद्ध सिन्हा ने अपनी चर्चित रचना की पंक्तियां नामुराद कैसा है आसमा का बादल भी, उस तरफ बरसता है, इस तरफ मचलता है कह कर श्रोताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया। काव्य संगोष्ठी में सौंदर्य रस के महारथी कवि शिव नंदन सिंह सलिल, शशि आनंद अलबेला,ज्योति सिंहा, अलख निरंजन कुशवाहा,बबीता जी,किरण शर्मा,अशोक शर्मा, मो अब्दुल्ला बोखारी, मो जफर अहमद, कुमार कृष्णन,संजय केशरी,राकेश मंडल, छात्र नेता प्रशांत यादव, मधुसूदन आत्मीय,ने भी काव्य पाठ किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता यदुनंदन जा द्विज कर रहे थे। धन्यवाद ज्ञापन महाकवि अवधभूषण मिश्र के ज्येष्ठ पुत्र कामरेड सेनापति मिश्र ने किया। इस अवसर पर प्रो जय प्रकाश नारायण, कन्हैया पोद्दार,सहित अनेक गणमान्य थे।

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