गंगा के जलस्तर में वृद्धि, निचले इलाकों में फैला बाढ़ का पानी
गंगा के जलस्तर में मामूली बढ़त जारी है। मंगलवार को जहां गंगा का जलस्तर 38.97 मीटर था वहीं बुधवार को जलस्तर में महज 2 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। जलस्तर 38.99 मीटर हो गया है। केन्द्रीय जल आयोग के...
गंगा के जलस्तर में मामूली बढ़त जारी है। मंगलवार को जहां गंगा का जलस्तर 38.97 मीटर था वहीं बुधवार को जलस्तर में महज 2 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है। जलस्तर 38.99 मीटर हो गया है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार फिलहाल जलस्तर में कमी आने की उम्मीद भी नहीं है।
इससे यह साफ जाहिर है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को फिलहाल राहत मिलने वाला नहीं है। जिले के छह प्रखंडों के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गया है। अबतक सैकड़ों से भी ज्यादा घरों में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। प्रभावित लोग कहीं सड़कों के किनारे बसा हुआ है तो कहीं अपने संबंधियों के यहां शरण लिये हुए हैं। पशुपालकों को तो और भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पशुपालकों को अपने मवेशियों के लिये चारा उपलब्ध कराने म परेशानी हो रही है। सदर प्रखंड क्षेत्र के जाफरनगर, कुतलुपुर, टीकारामपुर, महुली पंचायत की आदर्शग्राम टीकारामपुर, चरौन, सीताकुंडडीह, रामगढ़, मनियारचक आदि गांवों की स्थिति भयावह हो गई है। प्रभावित लोग अब भी प्रशासन की ओर से चलने वाले राहत कार्यो का इंतजार कर रहे हैं। वहीं बरियारपुर, हवेली खड़गपुर, धरहरा तथा जमालपुर प्रखंड की कई पंचायतें बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हो गई है।
क्या कहते हैं प्रभावित लोग : नौवागढ़ी उत्तरी पंचायत की रामगढ़ गांव के संजय सिंह, अच्युतानंद सिंह, चड़ौन के पंकज ठाकुर,निरंजन राय आदि ने कहा कि खरीफ के फसल बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। फसल बर्बाद हो जाने के कारण हमलोगों को जीविकोपार्जन की चिंता सताने लगी है। ग्रामीणों ने कहा कि हमलोगों को अबतक प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई है।
क्या कहते हैं अधिकारी : अनुमंडल पदाधिकारी सदर खगेश चंद्र झा ने कहा कि अभी जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है। खतरे के निशान को छूते ही राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिये प्रशासन तैयार है।